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खुशखबरी : RBI ने की ब्याज दरों में कटौती, घट सकती है आपकी EMI, होम लोन हो सकता है सस्ता

आरबीआई के गवर्नर रघुराम राजन ने मौद्रिक नीति की समीक्षा पेश करते हुए ब्याज दरों में कटौती का ऐलान कर दिया। आरबीआई ने रेपो रेट में 0.25 फीसदी की कटौती का ऐलान किया जिसके चलते रेपो रेट 6.75% से घटकर 6.50% हो गया है। इस 0.25% की कटौती के बाद रेपो रेट मार्च 2011 के बाद सबसे निचले स्तरों पर आ गया है।
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NDTV Profit हिंदी01:36 PM IST, 05 Apr 2016NDTV Profit हिंदी
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बाजार की उम्मीदों के मुताबिक आज रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (आरबीआई) के गवर्नर रघुराम राजन ने मौद्रिक नीति की समीक्षा पेश करते हुए ब्याज दरों में कटौती का ऐलान कर दिया। आरबीआई ने रेपो रेट में 0.25 फीसदी की कटौती का ऐलान किया, जिसके चलते रेपो रेट 6.75% से घटकर 6.50% हो गया है। इस कटौती के बाद रेपो रेट मार्च, 2011, यानी पांच साल के सबसे निचले स्तर पर आ गया है। नई दरें 16 अप्रैल से लागू हो जाएंगी।

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क्या आप जानते हैं क्या होता है CRR, SLR और रेपो रेट, रिवर्स रेपो रेट?
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हालांकि, आश्चर्यजनक कदम के तहत आरबीआई ने रिवर्स रेपो रेट को 0.25% बढ़ाकर 6.00% करने का ऐलान किया है, जबकि CRR में कोई बदलाव नहीं किया गया है। ऐलान से ठीक पहले तक मौजूदा रेपो रेट है 6.75 फीसदी था, जबकि रिवर्स रेपो रेट 5.75 फीसदी था। सीआरआर 4 फीसदी था, जिसमें आज भी कोई बदलाव नहीं किया गया।

आपके लिए लोन सस्ता होगा या नहीं... ?
यदि आप घर लेने का प्लान बना रहे हैं या पहले से ही होम लोन पर ईएमआई चुका रहे हैं तो यह सस्ता हो सकता है। मगर, यहां कैच यह है कि आपकी ईएमआई और होम लोन के सस्ते होने का संबंध इस बात से है कि बैंक इस कटौती के बाद लोन पर लगने वाली ब्याज दरों में कटौती करते हैं या नहीं। साथ ही, यदि करते हैं तो कितनी करते हैं। वैसे आरबीआई गवर्नर द्वारा कटौती की उम्मीद जताई गई है। राजन ने कहा है कि बैंक सस्ता लोन देने में सक्षम हैं।

रघुराम राजन द्वारा कही गई बातों के अंश...

  • 2016-17 में विकास दर 7.6 प्रतिशत रह सकती है।
  • कटौती से पहले ही बैंक सस्ता लोन देने में सक्षम हैं।
  • एक चौथाई फ़ीसदी कटौती पहले दे सकते थे बैंक।
  • कटौती के बाद अब बैंक आधा फ़ीसदी सस्ता कर सकते हैं लोन।
  • बैंकों की हालत में सुधार देखकर खुशी हो रही है।
  • महंगाई दर अनुमान के अनुरूप रही है और जनवरी 2016 के लिए तय किए गए लक्ष्य से यह थोड़ी कम है।
  • उपभोक्ता महंगाई दर में थोड़ी गिरावट आएगी और यह वर्तमान वित्त वर्ष में करीब पांच फीसदी बनी रहेगी।
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