सरकार ने आर्थिक सुधारों की दिशा में बड़ी घोषणा करते हुए खनन, नागरिक उड्डयन, रक्षा, ब्रॉडकास्टिंग, निर्माण समेत 15 क्षेत्रों में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश यानी एफडीआई के नियमों को आसान बना दिया है।
रबड़, कॉफी, इलायची, पाम ऑयल और जैतून की बागवानी में 100 प्रतिशत एफडीआई की अनुमति दी गई है। एफआईपीबी की मंजूरी की सीमा 3,000 करोड़ रुपये से बढ़ाकर 5,000 करोड़ रुपये कर दी गई है।
ब्रॉडकास्टिंग के क्षेत्र में भी विदेशी निवेश की नीति को ढीला किया गया है। एफआईपीबी के जरिये ब्रॉडकास्ट में 49 फीसदी एफडीआई की इजाजत दी गई है, जबकि न्यूज चैनलों में भी एफडीआई सीमा 26 से बढ़ाकर 49% कर दी गई है। खबरें न देने वाले चैनलों और टेलिपोर्ट, डीटीएच, केबल नेटवर्क के लिए एफडीआई सीमा 100% होगी।
सरकार ने सिंगल ब्रांड रिटेल क्षेत्र में भी नियमों में ढील दी है साथ ही शुल्क मुक्त दुकान तथा सीमित जवाबदेही भागीदारी (एलएलपी) में स्वत: मंजूरी के जरिये 100 प्रतिशत एफडीआई अनुमति दी गई है। रक्षा क्षेत्र में विदेशी निवेश के नियमों को सरल बनाया गया है।
आर्थिक मामलों के सचिव शक्तिकांत दास ने कहा, सरकार का एफडीआई नीति को उदार बनाने का निर्णय स्वागत योग्य कदम है और कारोबार को सुगम बनाने का हिस्सा है। ये निर्णय तत्काल प्रभाव से अमल में आ गए हैं। डीआईपीपी सचिव अमिताभ कांत ने कहा कि यह निवेशकों के लिए दिवाली का तोहफा है। यह सरकार का सुधारों की दिशा में जोरदार कदम है।
आर्थिक सुधार की यह बड़ी घोषणा बिहार विधानसभा चुनावों में केंद्र में सत्तारूढ़ बीजेपी की करारी हार के दो दिन बाद आई है। साथ ही यह घोषणा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ब्रिटेन दौरे पर रवाना होने से एक दिन पूर्व की गई है।
सरकार ने एक प्रेस विज्ञप्ति में कहा कि निवेश के माहौल को बढ़ावा देने तथा देश में विदेशी निवेश लाने के मकसद से सरकार ने 15 बड़े क्षेत्रों में एफडीआई से संबंधित सुधारों और उदारीकरण को बढ़ावा देने का फैसला किया है।
(इनपुट भाषा से)