डीजल के दामों में वृद्धि को लेकर आलोचना का निशाना बन रही सरकार ने गुरुवार को सफाई दी कि राजस्व उगाहने और जनता के हितों की रक्षा के लिए संतुलन बनाने की यह कोशिश बहुत ही मुश्किल थी।
इसके साथ ही सरकार ने डीजल के दामों में वृद्धि के राजनीतिक दलों द्वारा किए जा रहे विरोध पर सवाल उठाते हुए कहा कि उन्होंने (विपक्ष ने) भी अतीत में ऐसे फैसले किए थे।
सूचना और प्रसारण मंत्री मनीष तिवारी ने कहा ‘हमने आम आदमी का बोझ हमेशा कम करने की कोशिश की है। लेकिन साथ ही हमने व्यापक आर्थिक अनिवार्यता को भी ध्यान में रखा।’
विपक्ष ने सरकार के इस कदम की आलोचना की है। इस पर नाराजगी जाहिर करते हुए उन्होंने कहा कि तृणमूल कांग्रेस और भाजपा को इसका विरोध नहीं करना चाहिए क्योंकि सत्ता में रहते हुए उन्होंने भी कई बार ऐसे फैसले किए हैं।
उन्होंने कहा ‘तृणमूल कांग्रेस की प्रतिक्रिया जो आपने मुझे बताई, उससे मैं आश्चर्यचकित हूं। अगर मुझे ठीक से याद है तो (पश्चिम बंगाल में) तृणमूल कांग्रेस ने कोलकाता में बिजली की दरें बढ़ाई थीं। इसलिए मुझे नहीं लगता कि बिजली की दरें बढ़ाने वाली पार्टी को अध्ययन किए बिना ही विनियमन के प्रभाव के बारे में बोलना चाहिए।’