सरकार नई नागर विमानन नीति के तहत हवाई टिकटों पर दो प्रतिशत सेस (उपकर) लगाने पर विचार कर रही है। नई नीति पर काम काफी आगे बढ़ चुका है।
सेस से जुटाई गई राशि का इस्तेमाल क्षेत्रीय व दूर-दराज के इलाकों के लिए उड़ान सेवाएं मुहैया कराने वाली विमानन कंपनियों के घाटे की भरपाई में किया जाएगा।
सूत्रों ने कहा कि नागर विमानन मंत्रालय हवाई टिकटों पर दो प्रतिशत सेस लगाने की संभावना तलाश रहा है और इस प्रस्ताव पर नई विमानन नीति के तहत विचार किया जा रहा है। इस पहल से टिकटों के दाम थोड़े बढ़ सकते हैं, जिससे हवाई यात्रा थोड़ी महंगी हो जाएगी।
नई नीति के तहत सरकार पूर्वोत्तर जैसे दूर-दराज के इलाकों के लिए हवाई संपर्क बढ़ाने की संभावना तलाश रही है। इसके अलावा, सरकार घरेलू विमानन कंपनियों के लिए विदेश उड़ान के नियमों में फेरबदल के विभिन्न विकल्पों पर विचार कर रही है।
वर्तमान में, केवल उन्हीं विमानन कंपनियों को विदेश में परिचालन की अनुमति है जिन्होंने घरेलू परिचालन के पांच वर्ष पूरे कर लिए हों और उनके पास कम से कम 20 विमानों का बेड़ा हो।