सरकार ने मक्खन, घी और बटर ऑयल पर आयात शुल्क 10 प्रतिशत बढ़ाकर 40 प्रतिशत कर दिया है और साथ ही आगे कुछ और ऐसे कदम उठाने का वादा किया है, ताकि वैश्विक जिंस बाजारों में गिरावट के झटकों से घरेलू उत्पादकों के हितों की रक्षा की जा सके।
राजस्व सचिव हसमुख अधिया ने संवाददाताओं से कहा, हमने अगले छह महीने के लिए मक्खन, घी और बटर ऑयल पर आयात शुल्क बढ़ाकर 40 प्रतिशत करने का निर्णय किया, जो फिलहाल 30 प्रतिशत है। यह मार्च 2016 तक जारी रहेगा। यह फैसला दुग्ध उत्पादकों की अपील पर किया जा रहा है, जिन्होंने शुल्क के जरिये सुरक्षा की मांग की थी, क्योंकि अंतरराष्ट्रीय बाजार में मक्खन, घी और बटर ऑयल के मूल्य में बड़ी गिरावट हुई है।
उन्होंने कहा कि घरेलू विनिर्माताओं के हितों की रक्षा के लिए ऐसे और कदम उठाए जा सकते हैं। घरेलू उद्योग के हितों की रक्षा करने की जरूरत है।
राजस्व सचिव ने कहा, हम बहुत सजग हैं कि वैश्विक हालात के मद्देनजर घरेलू उद्योगों को कुछ सुरक्षा की जरूरत पड़ सकती है, लेकिन उद्योगों को अपनी मांग को उचित ठहराते हुए संबद्ध विभाग को संपर्क करना होगा। उन्होंने कहा कि वैश्विक नरमी के बीच घरेलू उद्योग और घरेलू कृषि क्षेत्र को प्रभावी सुरक्षा प्रदान करने की जरूरत है, क्योंकि कुछ जिंसों का आयात बहुत बढ़ गया है।
उन्होंने कहा, अब भारत को स्थानीय उद्योग और कृषि का ध्यान रखना है। अधिया ने उद्योग से कहा कि वे शुल्क बढ़ाने की मांग करें, तो उसके लिए उचित आधार के साथ संबद्ध विभाग के पास जाएं।