सरकार ने चालू वित्त वर्ष में राजकोषीय घाटे के लक्ष्य को हासिल करने और आर्थिक वृद्धि दर 7.5 फीसदी से ऊपर रहने का विश्वास जताया है। हालांकि साथ ही कहा है कि राजस्व संग्रह लक्ष्य से 50,000 करोड़ रुपये कम रह सकता है।
वित्त सचिव रतन वाटल ने कहा, 'हमारी वृहद आर्थिक बुनियाद मजबूत बनी हुई है। हम अब वैश्विक अनिश्चितताओं से निपटने तथा भारत को आर्थिक तेजी तथा समावेशी समृद्धि की राह पर मजबूती से साथ स्थापित करने में पहले की तुलना में अच्छी स्थिति में है।' संवाददाता सम्मेलन को मंत्रालय के अन्य विभागों के सचिवों और मुख्य आर्थिक सलाहकार ने भी संबोधित किया।
राजस्व सचिव अधिया के अनुसार वित्त मंत्रालय की चिंताओं में राजस्व संग्रहण भी शामिल है जो कि बजट के लक्ष्य से 5-7 प्रतिशत कम रहेगा। मुख्य रूप से प्रत्यक्ष करों की वसूली में कमजोर वृद्धि के कारण इस प्रकार की कमी का आसार है। कुल टैक्स राजस्व मौजूदा वित्तवर्ष में लगभग 14 लाख करोड़ रुपये रहने की संभावना है, जबकि इसके लिए बजटीय अनुमान 14.5 लाख करोड़ रुपये का है।
आर्थिक मामलों के सचिव शक्तिकांत दास ने वृद्धि के बारे में कहा कि मौजूदा वित्त वर्ष में इसके 7.5 प्रतिशत से अधिक रहने के संकेत हैं। आधिकारिक बयान के अनुसार, 'वैश्विक नरमी तथा निर्यात मांग में कमी के बावजूद, भारत दुनिया में सबसे तेज वृद्धि करने वाली प्रमुख अर्थव्यवस्था के रूप में उभरा है।'
इसके अनुसार सरकार समय के साथ 8 प्रतिशत से अधिक की संभावित वृद्धि दर हासिल करने के लिए सुधारों के एजेंडे का कार्यान्वयन जारी रखेगी। कीमत की स्थिति पर इसमें कहा गया है, 'जैसा कि भारतीय रिजर्व बैंक ने हाल ही में अपनी मौद्रिक नीति में संकेत किया, मुद्रास्फीति के लिए परिदृश्य भी अच्छा है। अनिश्चित मानसून के बावजूद सरकार के खाद्य प्रबंधन से यह सुनिश्चित किया जाएगा कि खाद्य मुद्रास्फीति नियंत्रण में रहे।'