ADVERTISEMENT

पॉस्को केस : सुप्रीम कोर्ट ने कहा, ओडिशा में खनन का फैसला केंद्र करे

सुप्रीम कोर्ट ने उड़ीसा हाईकोर्ट के उस आदेश को रद्द कर दिया है, जिसमें खंडाधर पहाड़ी क्षेत्र में पॉस्को को लौह अयस्क लाइसेंस आवंटित करने की राज्य सरकार की याचिका को खारिज कर दिया गया था।
NDTV Profit हिंदीNDTV Profit Desk
NDTV Profit हिंदी02:37 PM IST, 10 May 2013NDTV Profit हिंदी
NDTV Profit हिंदी
NDTV Profit हिंदी
Follow us on Google NewsNDTV Profit हिंदीNDTV Profit हिंदीNDTV Profit हिंदीNDTV Profit हिंदीNDTV Profit हिंदीNDTV Profit हिंदीNDTV Profit हिंदीNDTV Profit हिंदीNDTV Profit हिंदीNDTV Profit हिंदी

उच्चतम न्यायालय ने शुक्रवार को उड़ीसा हाईकोर्ट के उस आदेश को दरकिनार कर दिया, जिसमें दक्षिण कोरियाई इस्पात कंपनी पॉस्को को प्रदेश में प्रस्तावित इस्पात संयंत्र के लिए सुंदरगढ़ जिले में खंडधार पहाड़ी में लौह अयस्क लाइसेंस आवंटित करने संबंधी राज्य सरकार की याचिका खारिज कर दी गई थी।

न्यायमूर्ति आरएम लोढ़ा की पीठ ने केंद्र से कहा कि है वह इस वृहद इस्पात संयंत्र से जुड़े सभी पक्षों की आपत्तियों पर विचार करे और फैसला करे। उच्चतम न्यायालय लौह अयस्क खानों के आवंटन के मामले में हाईकोर्ट के आदेश के खिलाफ राज्य सरकार और एक अन्य खनन कंपनी की और से एक-दूसरे के खिलाफ दायर अपील पर सुनवाई कर रहा था।

ओडिशा सरकार और जियोमिन मिनरल्स एंड मार्केटिंग लिमिटेड ने हाईकोर्ट के उस आदेश को चुनौती दी थी, जिसने खंडधार पहाड़ियों में करीब 2,500 हेक्टेयर क्षेत्र में लौह अयस्क खनन के संबंध में राज्य सरकार द्वारा जारी अधिसूचना को पलट दिया था। उच्च न्यायालय ने 14 जुलाई, 2010 को जियोमिन मिनरल्स की याचिका पर राज्य सरकार के फैसले को दरकिनार कर दिया था।

जियोमिन मिनरल्स ने उच्च न्यायालय के सामने दलील दी थी कि उसने पॉस्को के आवेदन से बहुत पहले खंडधार लौह अयस्क खानों के लाइसेंस के लिए आवेदन किया था। उच्च न्यायालय ने कहा था कि राज्य सरकार ने 1987 से पहले केंद्र सरकार की अनुमति के बिना जो भी खनन क्षेत्र आरक्षित किया है, वह आरक्षित नहीं माना जाएगा।

NDTV Profit हिंदी
लेखकNDTV Profit Desk
NDTV Profit हिंदी
फॉलो करें
ADVERTISEMENT
ADVERTISEMENT