वित्त मंत्री अरुण जेटली ने संकेत दिया है कि वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) पर संशोधनों को संसद के आगामी शीतकालीन सत्र में पेश किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि सरकार की इस मुद्दे पर राज्यों के साथ बातचीत अंतिम चरण में है।
जेटली ने भारत वैश्विक मंच की बैठक में कहा, संसद सत्र से पहले जीएसटी कानून पर संशोधनों के बारे में मेरी राज्यों के साथ बातचीत अंतिम चरण में है। संसद का एक महीने का शीतकालीन सत्र 24 नवंबर से शुरू हो रहा है।
विपक्षी दलों विशेष रूप से कांग्रेस से इस मुद्दे पर समर्थन मांगते हुए वित्त मंत्री ने कहा, इस महत्वपूर्ण कानून को पारित करवाने के समय उन्हें इस बात को समझना चाहिए कि इनमें से कुछ कार्रवाइयों का उनके लिए भी सकारात्मक प्रभाव होगा।
जेटली ने कहा, मुझे उम्मीद है कि विपक्षी दलों में बैठे मेरे दोस्त, विशेष रूप से मुख्य विपक्षी दल सत्ता में रहते हुए अवसर गंवाने के बाद अब विपक्ष में अधिक महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे।
जीएसटी लागू होने के बाद केंद्र के साथ राज्यों के स्तर पर ज्यादातर अप्रत्यक्ष कर समाप्त हो जाएंगे। यूपीए सरकार ने 2011 में जीएसटी को पेश करने के लिए संविधान संशोधन विधेयक पेश किया था। राज्यों के बीच सहमति के अभाव में जीएसटी के कार्यान्वयन की कई समयसीमाएं चूक गई हैं।