वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री आनंद शर्मा ने कहा है कि 2012 कोई ऐसा साल नहीं है जिसे सरकार याद रखना चाहेगी क्योंकि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर हाल ही की घटनाओं ने देश की आर्थिक वृद्धि पर काफी प्रतिकूल असर डाला है।
शर्मा ने शनिवार को अफगानिस्तान के राष्ट्रपति हामिद करजई के साथ उद्योगपतियों की एक भोज बैठक में यह बात कही।
उन्होंने कहा, दुनिया में हाल ही की घटनाओं ने चीन व भारत सहित प्रमुख उदीयमान अर्थव्यवस्थाओं पर प्रतिकूल असर डालर है। उन्होंने कहा, 2012 ऐसा साल नहीं है जिसे प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह, वित्त मंत्रालय में मेरी साथी पी चिदंबरम या में याद रखना चाहूंगा। आलोच्य वित्त वर्ष में देश की आर्थिक वृद्धि दर 5.5-6.0 प्रतिशत के निचले स्तर पर आ गई है। अनेक निजी बैंकों तथा एजेंसियों ने तो इसके पांच प्रतिशत से भी कम रहने का अनुमान लगाया है। आईएमएफ ने 2012 में जीडीपी वृद्धि 4.9 प्रतिशत रहने का अनुमान लगाया है।
इसी तरह शर्मा के लिए भी निर्यात के लिहाज से यह साल अच्छा नहीं रहा है। पिछले साल निर्यात 304.8 अरब डॉलर रहा था लेकिन अब इसमें हर महीने तुलनात्मक रूप से गिरावट आ रही है।
कार्य्रकम का आयोजन सीआईआई, फिक्की तथा एसोचैम ने किया था। शर्मा ने कहा, हम इसे अच्छे हालात में छोड़ना चाहेंगे ताकि जनवरी 2013 से हम नई तथा ऊंची वृद्धि दर के साथ शुरुआत कर सकें।