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ग्रीस के सांसदों ने किया राहत सुधार योजना का समर्थन

ग्रीस की संसद ने तीसरा राहत पैकेज पाने के लिए मितव्ययता उपायों वाली सरकार की सुधार योजना का समर्थन किया है, लेकिन कुछ सांसदों द्वारा इस प्रस्ताव के खिलाफ चले जाने से सरकार को काफी आघात भी लगा है।
NDTV Profit हिंदीReported by Associated Press
NDTV Profit हिंदी10:46 AM IST, 11 Jul 2015NDTV Profit हिंदी
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ग्रीस की संसद ने तीसरा राहत पैकेज पाने के लिए मितव्ययता उपायों वाली सरकार की सुधार योजना का समर्थन किया है, लेकिन कुछ सांसदों द्वारा इस प्रस्ताव के खिलाफ चले जाने से सरकार को काफी आघात भी लगा है।

सुधार योजना संबंधी इस प्रस्ताव में सरकार को अधिकृत किया गया है कि वह अंतरराष्ट्रीय ऋणदाताओं के साथ सप्ताहांत के दौरान सुलह समझौते के आधार के रूप में इसका इस्तेमाल कर सकती है।

इस प्रस्ताव के पक्ष में 300 सदस्यीय संसद में 251 वोट पड़े, जबकि 32 सांसदों ने इसके खिलाफ और आठ सांसदों ने 'मौजूद' के रूप में मत दिया। 'मौजूद' संसदीय नियमों के तहत एक ऐसी व्यवस्था है, जिसे अनुपस्थिति की श्रेणी में रखा जाता है।

'मौजूद' या अनुपस्थित के रूप में मतदान करने वालों के साथ ही प्रस्ताव के खिलाफ मतदान करने वाले दो सदस्य प्रधानमंत्री एलेक्सि सिपरस की वामपंथी पार्टी सिरिजा पार्टी के सदस्य हैं। उनकी पार्टी के सदस्यों के इस प्रकार व्यवहार करने से सिप्रास की सरकार की स्थिरता को लेकर ही सवाल पैदा हो गए हैं।

प्रस्ताव पर अपनी नाराजगी जाहिर करने वाले दो मंत्रियों में ऊर्जा मंत्री पेनाजियोतिस लाफाजानिस और सामाजिक सुरक्षा मंत्री दिमित्री स्रातोलिस शामिल हैं। इसके साथ ही पार्टी के एक प्रमुख सदस्य और संसद के स्पीकर जोए कोंसतान्तोपोउलो भी इसके विरोध में दिखे।

लाफाजानिस ने प्रेस को जारी एक बयान में प्रस्ताव के प्रति अपनी कड़ी और स्पष्ट आपत्ति में कहा, मैं सरकार का समर्थन करता हूं, लेकिन मैं नव-उदारवादी विनियमन तथा निजीकरण के मितव्ययता कार्यक्रम का समर्थन नहीं करता... क्योंकि इससे मंदी, गरीबी और मुसीबतों का दुष्चक्र लंबे समय तक चलेगा।

इस सप्ताह इस्तीफा दे चुके पूर्व वित्त मंत्री यानिस वारोफाकिस पारिवारिक कारणों से मतदान से अनुपस्थित रहे। उन्होंने ट्विटर पर लिखा कि वह सप्ताहांत का समय अपनी बेटी के साथ बिता रहे हैं, जो ऑस्ट्रेलिया से आई है।

हालांकि उन्होंने एक पत्र भेजा, जिसमें लिखा था कि यदि वह संसद में मौजूद रहते तो प्रस्ताव के पक्ष में मतदान करते। लेकिन इस पत्र को संसदीय नियमों के तहत 'हां' वोट के रूप में गिना नहीं जा सकता था। नाजीवाद से प्रेरित गोल्डन डॉन और कम्युनिस्ट पार्टी को छोड़कर सभी विपक्षी दलों ने प्रस्ताव के पक्ष में मतदान किया।

सरकार द्वारा पेश किए गए प्रस्तावित उपायों में करों में वृद्धि और पेंशन खर्च में कटौती करना शामिल हैं। इनसे निश्चित ही ग्रीस की जनता अधिक आहत होगी, जिसने कुछ दिन पहले ही इसी प्रकार की योजना के खिलाफ बढ़-चढ़कर मतदान किया था।

लेकिन यदि नए प्रस्ताव को ग्रीस के अंतरराष्ट्रीय ऋणदाताओं द्वारा मंजूर कर दिया जाता है, तो इससे छह सालों की मंदी की मार झेल चुके देश ग्रीस को दीर्घकालिक वित्तीय समर्थन हासिल हो जाएगा।

इस समझौते के नहीं होने की सूरत में ग्रीस को यूरोप की साझा मुद्रा यूरो से तुरंत बाहर जाने की स्थिति का सामना करना पड़ेगा और ऐसा करने वाला वह पहला देश होगा। यदि प्रस्ताव मंजूर हो जाता है, तो ग्रीस को तीन साल के लिए 60 अरब डॉलर का ऋण पैकेज मिलेगा और साथ ही कुछ ऋण राहत भी हासिल होगी। यह पिछले राहत पैकेज 7.2 अरब यूरो की शेष राशि से कहीं अधिक है।

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