ADVERTISEMENT

हजारों करोड़ का कालाधन घोषित करने वाला गुजरात का कारोबारी महेश शाह फ़रार

सबसे बड़ी आय का ख़ुलासा करने वाला गुजरात का कारोबारी महेश शाह फ़रार है. उसने 13,800 करोड़ से ऊपर का ख़ुलासा किया था. उसने IDS के तहत ख़ुलासा किया था.
NDTV Profit हिंदीNDTV Profit Desk
NDTV Profit हिंदी11:10 AM IST, 03 Dec 2016NDTV Profit हिंदी
NDTV Profit हिंदी
NDTV Profit हिंदी
Follow us on Google NewsNDTV Profit हिंदीNDTV Profit हिंदीNDTV Profit हिंदीNDTV Profit हिंदीNDTV Profit हिंदीNDTV Profit हिंदीNDTV Profit हिंदीNDTV Profit हिंदीNDTV Profit हिंदीNDTV Profit हिंदी

एक आम सा दिखनेवाला शख्स है महेश शाह लेकिन ये फिलहाल सबसे ज्यादा चर्चा में है अहमदाबाद शहर में. ये जानकारी सामने आई है कि इन्होंने केन्द्र सरकार की महात्वाकांक्षी काला धन को टैक्स देकर सफेद करने की वीडीआईएस योजना में 13,860 करोड़ रुपये कैश होने की घोषणा की थी.

एक सामान्य घर में रहनेवाले शाह को इसके तहत इन्हें चार किश्तों में 45 प्रतिशत टैक्स भरना था. 30 नवम्बर से पहले इन्हें इसका पहला 25 प्रतिशत यानी 1560 करोड़ रुपये जमा करना था लेकिन अचानक मियाद खत्म होने से पहले इनकम टैक्स विभाग ने 28 नवम्बर को ही पूरा डिस्क्लोजर रद्द करके 29 और 30 नवम्बर को इसके औऱ इनके सीए तेहमूल सेठना के ठिकानों पर सर्च किया.

तेहमूल कहते हैं कि उन्हें इनके व्यवसाय की ठोस जानकारी नहीं है लेकिन वो बड़ी चीज थे. वो कुछ खास पढ़े लिखे नहीं थे, उम्रदराज़ लेकिन बहुत हि होशियार आदमी था. उनके सम्पर्क बहुत बड़े लोगों से थे और वो जमीन में बड़े सौदे किया करते थे इसलिए उन्हें कभी उनके खुलासे पर संदेह होने की संभावना नहीं थी.

ब्लॉग पढ़ें- ऑपरेशन मगरमच्‍छ : वीर राजा की कथा, इसे नोटबंदी से न जोड़ें

पढ़ें- जेटली ने बताया, इनकम टैक्स विभाग कैसे तय करता है कि किस पर छापा पड़ेगा

पहले इनकम टैक्स ने इतना बड़ा खुलासा करनेवाले शख्स को टैक्स का पैसा लाने में सिक्योरिटी की भी गारंटी दी थी तो सवाल ये भी है कि आखिर क्या वजह है कि इनकम टैक्स विभाग ने 30 नवम्बर तक इन्तजार नहीं किया. क्या उनके हाथ कुछ लग गया था. फिर ये भी है कि इतना कैश रखनेवाला इंसान आखिर गायब कहां हो गया.

पिछले एक सप्ताह से उनकी कोई खबर नहीं है. उनके बारे में बस इतनी जानकारी है कि वो गुजरात, महाराष्ट्र और दक्षिण भारत में जमीन का कारोबार करता था. और सवाल ये भी उठ रहे हैं कि क्या इस व्यक्ति का कोई नेटवर्क भी था और कौन लोग जुड़े थे इतने बड़े काला धन के पीछे. आखिर गुजरात में काला धन का इतना बड़ा मामला कैसे बना.

केंद्र सरकार की इस योजना के तहत 30 सितंबर तक सरकार को 45 प्रतिशत टैक्स देकर अघोषित आय घोषित की जा सकती थी. इस योजना के तहत अघोषित आय पर टैक्स चुकाने के बाद आय की स्वैच्छिक घोषणा करने वाले पर आयकर विभाग की तरफ से कोई कार्रवाई नहीं होनी थी. यहीं महेश से चूक हो गई. उन्होंने 13 हजार करोड़ रुपये अघोषित आय की जानकारी आयकर विभाग को दी तो सही पर टैक्स चुकाए बिना.

पढ़ें- नोटबंदी का जमकर समर्थन करने वाला बीजेपी नेता 20 लाख रुपयों के साथ गिरफ्तार

पढ़ें-  2 दिसंबर आधी रात के बाद : 500 के पुराने नोट कहां चलेंगे और कहां नहीं, जान लें...

उनके बेटे मोनीतेश शाह का कहना है कि उनके पिता फरार नहीं हैं. परिवार को छोड़कर वो फरार नहीं हो सकते. कहीं गये होंगे, वापस आ जायेंगे तब सभी बातें साफ कर देंगे. लेकिन फिलहाल उनकी उनसे पिछले एक सप्ताह से बात नहीं हुई है.

इस बीच सभी लोग यही जानना चाहते हैं कि आखिर ये महेश शाह है कौन. इतना सामान्य सा दिखने वाला शख्स 13,860 करोड़ कैश कैसे जमा कर सकता है. कौन लोग थे जिनके साथ मिलकर वो जमीन का इतना बड़ा कारोबार करता था. कितने हजारों करोड़ का कारोबार किया होगा कि इतना कैश आया और इतना बड़ा कैश उसने रखा कहां होगा. ऐसा लगता है कि इनकम टैक्स अकेले इन सवालों के जवाब नहीं खोज पाएगी, पुलिस को भी इसमें जुटना होगा.

NDTV Profit हिंदी
लेखकNDTV Profit Desk
NDTV Profit हिंदी
फॉलो करें
ADVERTISEMENT
ADVERTISEMENT