योजना आयोग के उपाध्यक्ष मोंटेक सिंह अहलूवालिया ने कहा है कि मौजूदा आम चुनाव के अभियान में 'गुजरात मॉडल' एक 'राजनीतिक सिक्का' बन गया है, लेकिन उन्हें नहीं पता कि इसका मतलब क्या है।
कोलंबिया बिजनेस स्कूल में भारत के बारे में आयोजित सम्मेलन 'इंडिया बिजनेस मीट' में उनसे पूछा गया था कि क्या गुजरात मॉडल शेष भारत के लिए भी अच्छा है। इस सवाल पर अहलूवालिया ने उक्त बात कही। शुक्रवार को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये सम्मेलन में शामिल प्राध्यापकों, छात्रों व उद्यमियों से उन्होंने कहा कि लोग गुजरात को विकास का ऐसा मॉडल बताते हैं, जिसमें सबसे ऊंची वृद्धि दर हो रही है और जो विदेशी निवेश आकर्षित कर रहा है।
अहलूवालिया ने कहा, मैं एक भी ऐसे मुख्यमंत्री को नहीं जानता, जो कहता हो कि उनका मॉडल विदेशी पूंजी पर निर्भर नहीं है। हरियाणा, आंध्र प्रदेश, तमिलनाडु, बिहार व पंजाब आप जहां भी जाएं, सभी विदेशी पूंजी आकर्षित करने के इच्छुक हैं।
योजना आयोग के उपाध्यक्ष ने कहा कि कई अन्य मुख्यमंत्री भी ऐसे हैं, जो यहीं बात करते हैं। ये मुख्यमंत्री भी अपने राज्य की वृद्धि के लिए वही कहते हैं, जो गुजरात विकास के लिए कह रहा है। उन्होंने कहा, राज्य के हिसाब से वे इसे गुजरात मॉडल नहीं, एक हरियाणा मॉडल या सबंधित राज्य का मॉडल कहते हैं।
इस सवाल पर कि गुजरात की वृद्धि दर सबसे ऊंची है, अहलूवालिया ने कहा कि गुजरात की वृद्धि दर ऊंची है, लेकिन सबसे अधिक नहीं है। सबसे अधिक वृद्धि दर बिहार की है। उन्होंने कहा कि एक चीज साफ है, गुजरात परंपरागत रूप से अच्छा प्रदर्शन करने वाला राज्य है। गुजराती उद्योगपति व नवप्रवर्तन करने वाले होते हैं, जिन्होंने बरसों तक देश के उद्योग जगत की अगुवाई की है।