वित्तमंत्री पी चिदंबरम ने कहा है कि संसद के आगामी मॉनसून सत्र में प्रत्यक्ष कर संहिता (डीटीसी) विधेयक पेश करने की योजना है।
डीटीसी विधेयक मौजूदा आयकर अधिनियम 1961 का स्थान लेगा। इसका उद्देश्य अधिक से अधिक लोगों को कर के दायरे में लाना और कर दरों को तर्कसंगत बनाना है।
चिदंबरम ने कहा, यह (डीटीसी का नया मसौदा) एक-दो दिन में तैयार हो जाएगा। उसके बाद इसे हम कानून मंत्रालय के पास भेज देंगे और मसौदा तैयार किया जाएगा। एक बार विधेयक का मसौदा तैयार होता है, तो इस पर नोट कैबिनेट को भेजा जाएगा। मुझे उम्मीद है कि प्रत्यक्ष कर संहिता विधेयक, 2010 में आधिकारिक संशोधनों को संसद के मॉनसून सत्र में पेश कर दिया जाएगा।
संसद का करीब एक महीना चलने वाला मॉनसून सत्र जुलाई अंत तक शुरू होने की उम्मीद है। चिदंबरम ने कहा कि डीटीसी विधेयक के तीन संस्करण है - पहला डीटीसी 2009, फिर डीटीसी 2010 विधेयक और उसके बाद स्थायी समिति की रिपोर्ट... वह इन सभी के बीच समायोजन करेंगे। वित्तमंत्री ने कहा, जहां तक संभव हो सकेगा, हमें इन तीनों में समायोजन करना है, यह मेरा दायित्व भी है कि स्थायी समिति की सिफारिशों को जहां तक संभव हो सके, उनका समायोजन किया जाए।