ऊर्जा खपत के मामले में देश के अगले सात वर्ष में दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा उपभोक्ता बनने की संभावनाओं के बीच प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने आज कहा कि बढ़ती ऊर्जा जरूरतों को पूरा करने के लिए आधुनिक प्रौद्योगिकी एवं बाजार आधारित मूल्य व्यवस्था जरूरी है।
8वें एशिया गैस भागीदारी शिखर सम्मेलन के अवसर पर प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने कहा, देश को अगले दो दशकों में अपनी ऊर्जा आपूर्ति तीन से चार गुना तक बढ़ाने की आवश्यकता है। ईंधन एवं ऊर्जा उत्पादन के मामले में फिलहाल भारत का दुनिया में सातवां नंबर है।
मनमोहन सिंह ने कहा, देश की ऊर्जा खपत में तेल एवं गैस की हिस्सेदारी करीब 41 फीसदी है और वर्ष 2020 तक भारत के कुल ऊर्जा खपत के मामले में दुनिया का तीसरा बड़ा देश बन जाने की संभावना है। इस समय भारत ऊर्जा खपत के मामले में अमेरिका, चीन और जापान के बाद चौथा बड़ा उपभोक्ता है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि ऊर्जा की मांग एवं आपूर्ति के फासले को कम करने के लिए सरकार घरेलू एवं वैश्विक कंपनियों को देश-विदेश में तेल एवं गैस की खोज के लिए प्रोत्साहित कर रही है।
उन्होंने अमेरिकी शैल गैस का उदाहरण देते हुए कहा प्रौद्योगिकी एवं बाजार आधारित मूल्य निर्धारण नीति पर चलते हुए गैर-परंपरागत गैस संसाधन के दोहन में मदद मिली है और देश इससे ऊर्जा के मामले में आत्मनिर्भरता की स्थिति में पहुंच गया।