भारत ने गुरुवार को कहा कि वह मनी लांडरिंग एवं आतंकवादियों के वित्तपोषण को लेकर एचएसबीसी के स्टाफ द्वारा सुरक्षा नियमों के कथित उल्लंघन के मामले की तह तक जाएगा।
भारत ने यह भी कहा कि वह अमेरिकी सीनेट की स्थायी उप समिति द्वारा की गई जांच के बारे में अमेरिका से और जानकारी मांगेगा। इस उप समिति का कहना है कि एचएसबीसी के ‘एंटी मनी लांडरिंग कंप्लायंस’ विभाग में अपर्याप्त स्टाफ है। इस विभाग में भारत के एचएसबीसी कर्मचारी शामिल हैं।
गृह सचिव आर के सिंह ने कहा, ‘‘मेरा मानना है कि यह मामला काफी गंभीर है और हम इसकी तह तक जाएंगे। हमें अमेरिकियों से कुछ और सूचना चाहिए। हमें सूचना जल्द मिल जाएगी।’’ सिंह उन खबरों पर प्रतिक्रिया दे रहे थे, जिनमें कहा गया है कि बैंक द्वारा मनी लांडरिंग एवं आतंकवादियों के वित्तपोषण को लेकर बनाये गये सुरक्षा तंत्र के पालन के मामले में एचएसबीसी का भारतीय स्टाफ अपनी भूमिका में दोष को लेकर जांच के दायरे में हैं।
उन्होंने कहा कि इससे निपटने के लिए हमने वित्तीय खुफिया इकाई बनायी है। गृह सचिव ने कहा कि आतंकवादी अपनी गतिविधियों के वित्तपोषण के लिए रोजाना नये नये तरीके अपना रहे हैं। सुरक्षा एजेंसियां भी उन्हें पकड़ने के लिए नई रणनीतियां बना रही हैं। उन्होंने कहा कि यदि कोई वित्तीय संस्थान वित्तीय कार्रवाई टास्क फोर्स के अंतरराष्ट्रीय दिशानिर्देशों को नहीं मानता तो इससे पूरी दुनिया के लिए असुरक्षा पैदा होती है।