एक रपट के अनुसार अनेक भारतीय कंपनियों को प्रतिभाओं को आकर्षित करने तथा अपने यहां बनाए रखने में चुनौती का सामना करना पड़ रहा है और इनमें नौकरी छोड़ने की दर 14 प्रतिशत है, जो वैश्विक औसत से ऊंची है।
वैश्विक पेशेवर सेवा फर्म टावर्स वाटसन ने एक रपट में यह निष्कर्ष निकाला है। रपट के अनुसार, भारत में नौकरी छोड़ने यानी एट्रीशन की दर 14 प्रतिशत है, जो कि वैश्विक तथा एशिया प्रशांत क्षेत्र की दर से कुछ अधिक है। रपट के अनुसार, वैश्विक स्तर पर यह दर 11.20 प्रतिशत तथा एशिया प्रशांत देशों में 13.81 प्रतिशत है।
रपट में कहा गया है कि देश की 92 प्रतिशत फर्मो का कहना है कि उन्हें विशेष कौशल वाली प्रतिभाओं को आकर्षित करने में परेशानी हो रही हैं वहीं 75 प्रतिशत संगठनों का कहना है कि उन्हें अच्छा काम करने वाले कर्मचारियों को अपने यहां बनाए रखने में दिक्कत हो रही है।
इसके अनुसार, भारतीय कर्मचारियों के लिए ‘रोजगार सुरक्षा’ तथा करियर में आगे बढ़ने के अवसर दो प्रमुख प्राथमिकताएं हैं।