मैन्यूफैक्चरिंग और सेवा क्षेत्र की गतिविधियों में सुधार आने से 2014-15 में भारतीय अर्थव्यवस्था की वृद्धि दर 7.3 प्रतिशत रही। केन्द्रीय सांख्यिकी संगठन (सीएसओ) के शुक्रवार को जारी आंकड़ों में यह जानकारी दी गई है।
सीएसओ ने इससे पहले अग्रिम आंकड़ों में वर्ष के दौरान 7.4 प्रतिशत वृद्धि रहने का अनुमान व्यक्त किया था। इससे पिछले वर्ष अर्थव्यवस्था में 6.9 प्रतिशत वृद्धि दर्ज की गई। ये आंकड़े सीएसओ की नई श्रृंखला के अनुसार हैं जिसका आधार वर्ष 2011-12 है।
वित्त वर्ष 2014-15 की चौथी तिमाही (जनवरी-मार्च-2015) में अर्थव्यवस्था में 7.5 प्रतिशत वृद्धि हासिल की गई जो कि इससे पिछली तिमाही में हासिल 6.6 प्रतिशत से बेहतर रही। आर्थिक गतिविधियों को मापने के लिये शुरू किये गये नये आकलन ‘सकल मूल्य वर्धन’ में 2014-15 के दौरान 7.2 प्रतिशत वृद्धि दर्ज की गई जो कि पिछले वित्त वर्ष 6.6 प्रतिशत था।
विनिर्माण क्षेत्र में 2014-15 में सकल मूल्य वर्धन में 7.1 प्रतिशत वृद्धि रही जो कि इससे पिछले वर्ष 5.3 प्रतिशत थी। इसी प्रकार बिजली, गैस, जलापूर्ति और अन्य सार्वजनिक सेवाओं में 7.9 प्रतिशत वृद्धि रही। एक साल पहले इनमें 4.8 प्रतिशत वृद्धि हुई थी।
निर्माण गतिविधियों में वर्ष के दौरान 4.8 प्रतिशत वृद्धि रही। इससे पिछले वर्ष इस क्षेत्र में 2.5 प्रतिशत वृद्धि हुई थी। वित्त, रीयल एस्टेट और पेशेवर सेवाओं के क्षेत्र में 11.5 प्रतिशत वृद्धि रही। इन क्षेत्रों में 2013-14 में 7.9 प्रतिशत वृद्धि हुई थी। हालांकि, 2014-15 में कृषि और संबंधित क्षेत्र में मात्र 0.2 प्रतिशत वृद्धि ही रही जो कि पिछले साल 3.7 प्रतिशत थी।
खनन और उत्खनन क्षेत्र की वृद्धि भी एक साल पहले के 5.4 से कम होकर 2.4 प्रतिशत रह गई। सकल मूल्य वर्धन (ग्रॉस वैल्यू एडीसन - जीवीए) के लिहाज से जनवरी-मार्च 2015 तिमाही में आर्थिक वृद्धि 6.1 प्रतिशत रही जो कि इससे पिछले साल इसी तिमाही में 5.3 प्रतिशत थी। इसी प्रकार मैन्यूफैक्चरिंग क्षेत्र में चौथी तिमाही में 8.4 प्रतिशत वृद्धि रही। एक साल पहले इस क्षेत्र में 4.4 प्रतिशत वृद्धि रही थी।
चौथी तिमाही में कृषि क्षेत्र में एक साल पहले जहां 4.4 प्रतिशत वृद्धि दर्ज की गई थी वहीं इस साल चौथी तिमाही में इसमें 1.4 प्रतिशत गिरावट रही। खनन और उत्खनन क्षेत्र में चौथी तिमाही में 2.3 प्रतिशत गिरावट रही। वर्ष 2014-15 के दौरान वर्तमान मूल्य पर प्रति व्यक्ति आय 9.2 प्रतिशत बढ़कर 87,748 रुपये हो गई। इससे पिछले वर्ष यह 80,388 रुपये थी। वर्ष 2011-12 में यह 64,316 रुपये और 2012-13 में 71,593 रुपये थी।
वित्त मंत्री अरुण जेटली ने जताई खुशी...
आर्थिक वृद्धि के आंकड़ों पर खुशी जताते हुए वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कहा, यह बिल्कुल साफ है कि अर्थव्यवस्था की हालत सुधर रही है। उन्होंने कहा कि मैन्यूफैक्चरिंग क्षेत्र की स्थिति उत्साहजनक है तथा मैन्यूफैक्चरिंग और सेवा क्षेत्र के रुझान संकेत हैं कि भारत 8-9 प्रतिशत और इससे अधिक की वृद्धि दर हासिल कर सकता है।