केंद्रीय कृषि मंत्री राधा मोहन सिंह ने कहा कि भारत का दुग्ध उत्पादन 2014-15 में बढ़कर 146.31 करोड़ टन पहुंच गया है, जबकि दूध की प्रति व्यक्ति उपलब्धता भी बढ़कर 302 ग्राम हो गई है जो कि विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) द्वारा सुझाई गई न्यूनतम मात्रा से अधिक है। सिंह ने यहां नेशनल डेयरी रिसर्च इंस्टिट्यूट में आयोजित एक कार्य्रकम में यह जानकारी दी।
उन्होंने कहा, 'पहली बार दुग्ध उत्पादन में 6.3 प्रतिशत की रिकॉर्ड बढोतरी दर्ज की गई है, जबकि अंतरराष्ट्रीय परिदृश्य में केवल 2.2 प्रतिशत की बढोतरी हुई है।' उन्होंने कहा कि दुग्ध उत्पादन 2014-15 में 6.3 प्रतिशत बढ़कर 146.31 करोड़ टन हो गया है जो कि 2013-14 में 137.61 करोड़ टन रहा था।' उन्होंने यहां राष्ट्रीय डेयरी अनुसंधान संस्थान में कलकी भवन तथा नर्मदा छात्रवास का उद्घाटन भी किया।
हालांकि उन्होंने यह भी कहा कि भले ही भारत वैश्विक दुग्ध उत्पादन परिदृश्य में पहले स्थान पर हो, लेकिन प्रति पशु दुग्ध उत्पादकता में वह विकसित डेयरी देशों के औसत से बहुत पीछे है।
इस अवसर पर उन्होंने कहा कि स्वदेशी गौ नस्लों के संरक्षण व प्रोत्साहन के लिए राष्ट्रीय गोकुल मिशन की शुरुआत की गई है।
उन्होंने कहा कि शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में दूध की खपत और उत्पादन दोनों बढ़ा है। पिछले कुछ दशकों में ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में दूध की खपत और उत्पादन क्रमश: 29 एवं 26 फीसदी बढ़ा है। मंत्री ने यह भी कहा कि देश में कृषि शिक्षा की गुणवत्ता में भी सुधार किए जाने की जरूरत है। (इनुपट भाषा से भी)