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वरिष्ठ उद्योगपति गोयनका का निधन, उद्योग जगत में शोक

देश के वरिष्ठ उद्योगपति व आरपीजी समूह के संस्थापक आरपी गोयनका का रविवार को लंबी बीमारी के बाद कोलकाता स्थित आवास पर निधन हो गया। वह 83 वर्ष के थे। गोयनका के निधन से देश के उद्योग जगत में शोक की लहर है।
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NDTV Profit हिंदी10:39 PM IST, 14 Apr 2013NDTV Profit हिंदी
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देश के वरिष्ठ उद्योगपति व आरपीजी समूह के संस्थापक आरपी गोयनका का रविवार को लंबी बीमारी के बाद कोलकाता स्थित आवास पर निधन हो गया। वह 83 वर्ष के थे। गोयनका के निधन से देश के उद्योग जगत में शोक की लहर है।

रविवार को गोयनका के निधन पर बिड़ला समूह के बसंत कुमार बिड़ला और पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी सहित भारतीय उद्योग जगत की सभी शीर्ष हस्तियों ने शोक संवेदना प्रकट की।

फिक्की के अध्यक्ष नैना लाल किदवई ने कहा, "गोयनका फिक्की के अध्यक्ष रह चुके हैं और अपने अनवरत योगदान से भारतीय उद्योग को वैश्विक अर्थव्यवस्था में पहचान दिलाने में सहयोग दिया।"

भारतीय उद्योग परिसंघ (सीआईआई) के अध्यक्ष एस. गोपालकृष्णन ने कहा, "हमारे बीच से आज उद्योग जगत की सबसे बड़ी हस्तियों में से एक का निधन हो गया है और भारत ने सबसे प्रतिष्ठित उद्योगपतियों में से एक को खो दिया है।"

देश के शीर्ष उद्योग घरानों में से एक बिड़ला समूह के बसंत कुमार बिड़ला ने एक वक्तव्य में अपनी पत्नी सरला के साथ संयुक्त रूप से कहा, "हम आरपी गोयनका के निधन का समाचार सुनकर बेहद दुखी हैं। वह हमारे परिवार के बहुत करीब थे। गोयनका असाधारण प्रतिभा के धनी थे और बहुत ही सफल व्यक्ति थे। सुशीला देवी और गोयनका के परिवार के अन्य सदस्यों को हम अपनी हार्दिक

संवेदनाएं प्रकट करते हैं और ईश्वर से प्रार्थना करते हैं कि उनकी आत्मा को शांति प्रदान करें।"

उद्योगपतियों के समूह ने एक वक्तव्य में कहा, "सीआईआई को समय-समय पर नीतियों एवं मुद्दों पर गोयनका की दूरदृष्टि एवं मार्गदर्शन का लाभ मिलता रहा, जो यह सुनिश्चित करते थे कि भारत में उद्योगों का विकास सही दिशा में होता रहे।"

पश्चिम बंगाल से राज्यसभा सांसद रह चुके गोयनका के निधन पर पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने गहरा शोक व्यक्त किया और कहा, "आज बंगाल ने उद्योग जगत के एक सच्चे विजेता को खो दिया है। ईश्वर उनके परिजनों को इस अपूरणीय क्षति को सहने के लिए शक्ति दे। भगवान उनकी आत्मा को शांति दे।"

गोयनका के परिवार में पत्नी सुशीला और दो बेटे हर्षवर्धन तथा संजीव हैं, जो बड़े उद्योगपति हैं। हर्ष जहां आरपीजी एंटरप्राइजेज के अध्यक्ष हैं, वहीं उनके छोटे भाई संजीव आरपी-संजीव गोयनका समूह के अध्यक्ष हैं। गोयनका ने तीन साल पहले ही अपने पूरे व्यवसाय को दोनों बेटों के बीच बांट दिया था।

आरपी के नाम से जाने जाने वाले गोयनका ने वर्ष 1979 में आरपीजी एंटरप्राइजेज की स्थापना की थी। उनके अविभाजित व्यावसायिक साम्राज्य में सीईएससी, नोएडा पावर कॉरपोरेशन लिमिटेड, आरपीजी रेचेम, स्पेंसर, सीईएटी टायर्स, सारेगामा इंडिया (पहले ग्रामोफोन कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया), केईसी इंटरनेशनल, फिलिप्स कार्बन ब्लैक, फुजित्सु आईसीआईएम (अब जेंसार टेक्नोलॉजिज), हैरीसंस मलयालम, फर्स्टसोर्स सॉल्यूशंस लिमिटेड तथा आरपीजी लाइफ साइंसेज शामिल हैं।

राज्यसभा के सदस्य रह चुके गोयनका की व्यावसायिक रुचि ऊर्जा, बिजली ट्रांसमिशन इंजीनियरिंग, कोयला खनन, टायर, कार्बन ब्लैक, खुदरा, मनोरंजन, बगवानी, औषधीय तथा सूचना प्रौद्योगिकी क्षेत्र में थी।

'टेकओवर किंग' के नाम से विख्यात गोयनका ने प्रेसीडेंसी और हार्वर्ड से पढ़ाई की थी। उन्होंने चार कंपनियों- फिलिप्स कार्बन ब्लैक, एशियन केबल्स, अगरपारा जूट तथा मर्फी इंडिया को साथ मिलाकर आरपीजी एंटरप्राइजेज शुरू किया था। इस समूह का वार्षिक टर्नओवर 105 करोड़ रुपये का था।

वर्ष 1980 के दशक में उन्होंने कई कंपनियों का अधिग्रहण किया। उन्होंने पहला अधिग्रहण वर्ष 1981 में सीईएटी कंपनी का किया था। इसके बाद इस समूह ने वर्ष 1983 में सिर्ले इंडिया (अब आरपीजी लाइफ साइंसेज), वर्ष 1985 में ग्रामोफोन कंपनी (अब सारेगामा इंडिया), वर्ष 1988 में हैरीसंस मलयालम और वर्ष 1989 में सीईएससी तथा स्पेंसर का अधिग्रहण किया।

गोयनका का जन्म एक मार्च, 1930 को कलकत्ता (अब कोलकाता) के एक व्यावसायिक परिवार में हुआ था। उनकी गिनती देश की पूर्व प्रधानमंत्री स्व. इंदिरा गांधी के करीबियों में होती है। वर्ष 2000 से 2006 के बीच वह राज्यसभा के सदस्य भी रहे। वह फेडरेशन ऑफ इंडियन चैम्बर्स कॉमर्स एंड इंडस्ट्री (फिक्की) के अध्यक्ष भी रहे।

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