लगातार बढ़ती महंगाई की मार पोषक पदार्थों की खपत पर पड़ी है। एक उद्योग संघ द्वारा कराए गए एक सर्वेक्षण में कहा गया कि घरों में पोषक खाद्य पदार्थों की खपत 40 फीसदी तक घट गई है।
सर्वेक्षण अक्टूबर और नवंबर में किया गया। इसके मुताबिक पोषक पदार्थों पर महंगाई का सबसे अधिक असर दिल्ली-राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र पर पड़ा है। इसके बाद सर्वाधिक असर क्रमश: मुंबई, अहमदाबाद, कोलकाता, चेन्नई, हैदराबाद, पुणे और चंडीगढ़ पर पड़ा है।
एसोचैम द्वारा कराए गए सर्वेक्षण में 72 फीसदी निम्न मध्य-आय वर्ग के परिवारों ने कहा कि महंगाई के कारण उन्हें फलों, सब्जियों और दूध पर खर्च घटाने पड़े हैं। सर्वेक्षण में 2,000 गृहिणियों और 1,000 कामकाजी लोगों से पूछताछ की गई थी।
एसोचैम के महासचिव डीएस रावत ने कहा, आय जिस गति बढ़ी है, उससे अधिक तेजी से आवश्यक पदार्थों और अन्य जरूरी चीजों जैसे शिक्षा, परिवहन और स्वास्थ्य पर खर्च बढ़ा है, जिसके कारण गरीबों, निम्न आय वर्ग और यहां तक कि मध्य वर्ग के परिवारों के लिए भी कठिनाई पैदा हो गई है।
सर्वेक्षण में 62 फीसदी वेतनभोगियों ने कहा कि वे सब्जियों और फलों पर ही 4,000 रुपये से 6,000 रुपये तक खर्च कर डालते हैं, जबकि पांच साल पहले इस मद पर इसका एक-चौथाई ही खर्च होता था।
उल्लेखनीय है कि अक्टूबर में थोक कीमतों पर आधारित महंगाई दर सात फीसदी दर्ज की गई, जो इससे पहले के आठ महीने में सर्वाधिक है। महंगाई में इस वृद्धि में ईंधन, खाद्य पदार्थो और विनिर्मित वस्तुओं की कीमतों में वृद्धि का प्रमुख योगदान है।