फर्जी निवेश योजनाओं के अनेक मामले सामने आने के बीच भारतीय रिजर्व बैंक ने शुक्रवार को निवेशकों से कहा कि वे गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों (एनबीएफसी) सहित अन्य वित्तीय फर्मों में पैसा जमा कराने से पहले अपने फैसले पर सतर्कता से सोच विचार करें।
केंद्रीय बैंक ने निवेशकों के लिए इस बारे में परामर्श सारदा घोटाले जैसी उन कई घटनाओं के सामने आने के बीच जारी किया है जिनमें हजारों निवेशकों को चूना लगाया गया है।
रिजर्व बैंक ने निवेशकों को बताया है कि किसी वित्तीय फर्म द्वारा गैर कानूनी रूप से पैसे जमा कराने या जमाओं का भुगतान नहीं किए जाने की शिकायत वे कहां कर सकते हैं। बैंक ने कहा है कि निवेशक किसी भी एनबीएफसी में पैसा जमा कराने से पहले उसकी वेबसाइट पर यह देख सकते हैं कि वह उसके यहां पंजीबद्ध है या नहीं।
इसके अलावा वे बाजार से 'अनाप शनाप' अधिक ब्याज दर या निवेश पर रिटर्न की पेशकश के प्रति भी सचेत रहें। फिलहाल एनबीएफसी किसी जमाकर्ता को 12.5 प्रतिशत से अधिक ब्याज दर की पेशकश नहीं कर सकती। हालांकि रिजर्व बैंक इस सीमा में बदलाव करता रहता है।
केंद्रीय बैंक ने अपने परामर्श में जमाकर्ताओं से अपनी हर जमा की सही रसीद लेने जैसी बुनियादी जानकारियां भी दी हैं।
केंद्रीय बैंक ने स्पष्ट किया है कि वह चिटफंड गतिविधियों या सामूहिक निवेश योजनाओं (सीआईएस) का नियमन नहीं करता है।