नीति आयोग के उपाध्यक्ष अरविंद पनगढ़िया ने रिजर्व बैंक द्वारा ब्याज दरों में कटौती की वकालत की। उन्होंने गुरुवार को कहा कि प्रमुख नीतिगत दरों में आधा से एक प्रतिशत कटौती के लिए यह उचित समय है।
उन्होंने यह भी उम्मीद जताई कि चालू वित्त वर्ष में सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) की वृद्धि दर 8 प्रतिशत को पार कर जाएगी, क्योंकि निवेश धारणा सुधर रही है, जबकि तीन तिमाहियां अभी बची हैं।
निजी बिजनेस न्यूज चैनल सीएनबीसी टीवी 18 से साक्षात्कार में पनगढ़िया ने कहा, 'हमें ब्याज दरों में आधा से एक फीसद कटौती की जरूरत है। यह उचित समय है।'
अमेरिकी फेडरल रिजर्व द्वारा ब्याज दरों में बढ़ोतरी का रिजर्व बैंक के फैसले पर पड़ने वाले असर के बारे में पूछे जाने पर नीति आयोग के उपाध्यक्ष ने कहा कि अमेरिकी केंद्रीय बैंक ब्याज दरों में कोई बहुत बड़ी बढ़ोतरी नहीं करेगा ऐसे में इससे फर्क नहीं पड़ेगा।
उन्होंने कहा, 'फेडरल रिजर्व द्वारा ब्याज दरों में कोई बड़ी वृद्धि नहीं की जाएगी लेकिन फेडरल रिजर्व जो भी करता है, हमारे लिए यह ब्याज दरों में आधा फीसद कटौती का उचित समय है।'
यह पूछे जाने पर कि यदि रिजर्व बैंक ब्याज दरों में सिर्फ चौथाई प्रतिशत की कटौती करता है, तो यह उचित होगा, पनगढ़िया ने कहा, 'दिशा सही होगी। यदि इसमें पहले की गई 0.75 प्रतिशत की कटौती को जोड़ लिया जाए, तो यह एक प्रतिशत बनता है। इससे बैंक कटौती का अधिक लाभ उपभोक्ताओं को दे सकेंगे।'
फिलहाल 0.75 प्रतिशत की कटौती में से बैंकों ने सिर्फ 0.3 प्रतिशत लाभ ही ग्राहकों को दिया है। फिलहाल रेपो दर 7.25 प्रतिशत पर है। पहली तिमाही के उम्मीद से कमजोर जीडीपी आंकड़ों पर पनगढ़िया ने कहा कि यह शुरुआती आंकड़े हैं और इसमें ऊपर की ओर संशोधन की संभावना बनी हुई है।