वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) का लाभ समय के साथ मिलेगा, तत्काल नहीं. एक रिपोर्ट में कहा गया है कि दीर्घावधि में इस अप्रत्यक्ष कर व्यवस्था से वृद्धि को प्रोत्साहन मिलेगा, लागत घटेगी तथा कर राजस्व मजबूत होगा.
जापान की वित्तीय सेवा क्षेत्र की कंपनी नोमूरा ने कहा कि निकट भविष्य में जीएसटी संभवत: निरपेक्ष रहेगा, जबकि दीर्घावधि में इससे ‘उल्लेखनीय’ लाभ मिलेंगे. नोमूरा के अनुसंधान नोट में कहा गया है कि फिलहाल इसका प्रस्तावित संस्करण कई स्तरीय कर ढांचे की वजह से काफी जटिल लगता है, इसका दायरा अभी संकुचित है. ऐसे में हमें उम्मीद है कि जीएसटी का लाभ समय के साथ मिलेगा, तत्काल नहीं.
नोमूरा ने कहा कि समय के साथ जीएसटी परिषद कर का दायरा बढ़ाएगी, कर स्लैब को कम करेगी और मानक कर दरों को कम करेगी. इससे इसके लाभ उल्लेखनीय होंगे.
जीएसटी परिषद में चार स्तरीय जीएसटी कर ढांचे 5, 12, 18 और 28 प्रतिशत पर सहमति बनी है. इसके अलावा खाद्यान्न जैसे जरूरी वस्तुओं के लिए शून्य दर भी रखी गई है. निचली दरें आवश्यक वस्तुओं के लिए होंगी जबकि ऊंची दरें विलासिता वाले सामान अहितकर वस्तुओं के लिए होंगी. अहितकर वस्तुओं पर अतिरिक्त उपकर भी लगेगा.
रिपोर्ट में कहा गया है कि जीएसटी परिषद ने चार स्लैब के कर ढांचे पर विचार किया है, जबकि विभिन्न उत्पादों पर कुल छह से सात दरें प्रभावी होंगी, जिससे अनुपालन के दृष्टिकोण से कर ढांचे की जटिलता बढ़ेगी.
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