लगातार पांच तिमाहियों में नुकसान उठाने के बाद निजी क्षेत्र की विमानन कंपनी जेट एयरवेज समूह को 30 जून को समाप्त चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही में मुनाफे में लौटी है। कंपनी ने तिमाही के दौरान 36.4 करोड़ रुपये का शुद्ध लाभ कमाया। पिछले वित्त वर्ष की समान तिमाही में कंपनी को 123.2 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ था।
जेट एयरवेज ने कहा है कि उसका मुनाफा कहीं अधिक होता यदि उसे रुपये में गिरावट की वजह से 170.3 करोड़ रुपये का फॉरेक्स नुकसान नहीं होता हालांकि एबिटडार (ब्याज से पूर्व की आय, कर, मूल्यह्रास, परिशोधन तथा पुनर्गठन) में 145 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई और यह 825.5 करोड़ रुपये पर पहुंच गया, जो इससे पिछले वित्त वर्ष की समान तिमाही में 333 करोड़ रुपये रहा था।
समूह की कुल आमदनी तिमाही के दौरान 31.4 प्रतिशत की वृद्धि के साथ 5,274.8 करोड़ रुपये पर पहुंच गई। इस दौरान कंपनी की घरेलू उड़ानों में यात्रियों की संख्या में 10 प्रतिशत का इजाफा हुआ। वहीं दूसरी ओर उद्योग की वृद्धि दर का औसत मात्र एक फीसदी रहा।
घरेलू उड़ानों से कंपनी की आमदनी में 8.9 प्रतिशत का इजाफा हुआ, वहीं जेटलाइट की आय में 43.2 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई। समूह के मुख्य कार्यकारी निकोस कर्दासिस ने कहा, ईंधन की लागत में बढ़ोतरी और डॉलर की तुलना में रुपये में गिरावट से उद्योग के मुनाफे पर काफी असर पड़ा है। सालाना आधार पर तिमाही के दौरान विमान ईंधन एटीएफ के दाम 13 प्रतिशत बढ़े, जबकि पिछली तिमाही में इसमें सिर्फ तीन फीसदी का इजाफा हुआ था। कुल मिलाकर कंपनी की ईंधन की लागत 25.8 प्रतिशत बढ़कर 1,967.4 करोड़ रुपये पर पहुंच गई, जो इससे पिछले वित्त वर्ष की समान तिमाही में 1,563.7 करोड़ रुपये थी।