आभूषण निर्माताओं ने एक प्रतिशत उत्पाद शुल्क फिर से लगाने के सरकार के फैसले के खिलाफ अपनी हड़ताल सात मार्च तक जारी रखने का फैसला शुक्रवार को लिया। हालांकि सरकार ने इस मामले पर विचार का आश्वासन दिया है।
तीन दिन से जारी है हड़ताल
आभूषण निर्माताओं की यह हड़ताल आभूषणों पर एक प्रतिशत उत्पाद शुल्क फिर से लगाए जाने और दो लाख रुपये से अधिक के लेनदेन पर पैन संख्या का उल्लेख अनिवार्य करने के विरोध में है। हड़ताल दो मार्च को शुरू हुई थी और शुक्रवार को इसका तीसरा दिन था। जौहरियों ने शुक्रवार को वित्त मंत्री अरुण जेटली से मुलाकात की जिन्होंने इस मामले पर विचार करने का वादा किया। हालांकि आभूषण निर्माताओं ने अपनी हड़ताल को सात मार्च तक बढ़ाने का फैसला किया है।
वित्त मंत्री ने विचार करने का आश्वासन दिया
आल इंडिया जेम्स एंड जूलरी ट्रेड फेडरेशन (जीजेएफ) के चेयरमैन श्रीधर जी वी ने कहा,‘ हमने नई दिल्ली में वित्त मंत्री से मुलाकात की और उन्हें ज्ञापन दिया। उन्होंने हमें ध्यान से सुना तथा मामले पर विचार करने का आश्वासन दिया।’ उन्होंने कहा कि तीन लाख से अधिक विनिर्माताओं, खुदरा व्रिकेताओं व कारीगरों का प्रतिनिधित्व करने वाली 300 से अधिक एसोसिएशन इस हड़ताल में शामिल हैं। हालांकि तनिष्क जैसी बड़ी कंपनियां इसमें भाग नहीं ले रही हैं।
इस बीच वित्त मंत्रालय ने स्पष्ट किया है कि 12 करोड़ रुपये से अधिक कारोबार वाले जौहरियों को ही गैर-चांदी वाले आभूषण उत्पादों पर एक प्रतिशत उत्पाद शुल्क देना होगा। जीजेएफ व आल इंडिया जूलरी एसोसिएशन ने हड़ताल सात मार्च तक जारी रखने का फैसला किया है।
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