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बिम्सटेक सम्मेलन के लिए मनमोहन सिंह म्यांमार रवाना

प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने बिम्सटेक सम्मेलन में हिस्सा लेने के लिए सोमवार को म्यांमार के लिए प्रस्थान किया।
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NDTV Profit हिंदी04:51 PM IST, 03 Mar 2014NDTV Profit हिंदी
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प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने बिम्सटेक सम्मेलन में हिस्सा लेने के लिए सोमवार को म्यांमार के लिए प्रस्थान किया।

उन्होंने इस क्षेत्र में सुरक्षा संबंधी चुनौतियों से मुकाबला करने और सदस्य देशों के बीच संपर्क सुविधा एवं व्यापार बढ़ाने पर बल दिया है। सिंह ने म्यांमार की राजधानी ने प्यी-ताओ के लिए रवाना होने से पहले जारी एक बयान में कहा, प्राकृतिक और मानव निर्मित दोनों तरह की सुरक्षा संबंधी चुनौतियों से उबरने के लिए सामूहिक सोच और दृढ़ संकल्प की जरूरत है।

प्रधानमंत्री ने कहा, सुरक्षा के क्षेत्र में हमने अंतरराष्ट्रीय आतंकवाद, सीमापार से अपराध व नशीले द्रव्यों के कारोबार और आपराधिक मामलों में पारस्परिक कानूनी सहयोग के लिए हमने धीरे-धीरे क्षेत्रीय स्तर पर कानूनी रास्ते बना लिए हैं। आज के एकीकृत विश्व में इसकी जरूरत पहले से कहीं अधिक है।

सिंह ने कहा कि बिम्सटेक दक्षेस और आसियान क्षेत्र के बीच में पड़ता है और इसे बंगाल की खाड़ी से लगे देशों के स्वाभाविक मेलजोल से शक्ति मिलती है।

उन्होंने कहा, संपर्क सुविधाओं तथा व्यापार एवं निवेश, ऊर्जा, जलवायु, पर्यटन, कृषि अन्य विषयों में उप-क्षेत्रीय सहयोग से हमारे इस क्षेत्र में वृद्धि को प्रोत्साहन मिलेगा। प्रधानमंत्री ने कहा कि एशिया के विकास के लिए बिम्सटेक देशों में शांति, स्थिरता और विकास आवश्यक है। इस क्षेत्र में विश्व की 20 प्रतिशत आबादी रहती है और इसका संयुक्त सकल घरेलू उत्पाद 2,500 अरब डॉलर है।

उन्होंने कहा कि 2008 में नयी दिल्ली में हुए पिछले सम्मेलन के बाद से एक समूह के तौर पर बिम्सटेक विकसित और परिपक्व हुआ है।

सिंह ने कहा कि भारत का बिम्सटेक देशों के साथ द्विपक्षीय संबंध विश्व में सबसे महत्वपूर्ण संबंधों में शामिल है।

सिंह को उम्मीद है कि इस दो-दिवसीय सम्मेलन के दौरान उनकी वहां अन्य सदस्य देशों के नेताओं के साथ अलग से बातचीत भी हो सकती है। प्रधानमंत्री ने इन देशों को भारत के करीबी और मित्र पड़ोसी करार दिया है।

उन्होंने कहा कि जल्दी ही ढाका में स्थापित होने वाले बिम्सटेक के स्थायी सचिवालय की स्थापना तथा इसके एक महासचिव की नियुक्ति से बिम्सटेक क्षेत्रीय एकीकरण और सहयोग में ज्यादा सक्रिया भूमिका अदा कर सकेगा।

प्रधानमंत्री ने कहा कि पूरे क्षेत्र में कई बिम्सटेक केंद्र शुरू किए जा रहे हैं ताकि सदस्य देशों के बीच ज्यादा तकनीकी आदान-प्रदान बढाए जा सकें। इनमें से तीन केंद्र भारत में स्थापित किए जा रहे हैं।

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