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शेयर बाजारों में लगातार दूसरे सप्ताह रही तेजी

देश के शेयर बाजारों में लगातार दूसरे सप्ताह तेजी रही। बम्बई स्टॉक एक्सचेंज (बीएसई) का 30 शेयरों वाला संवेदी सूचकांक सेंसेक्स आलोच्य अवधि में 2.09 फीसदी या 359.81 अंकों की तेजी के साथ 17,557.74 पर बंद हुआ।
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NDTV Profit हिंदी10:07 PM IST, 11 Aug 2012NDTV Profit हिंदी
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देश के शेयर बाजारों में लगातार दूसरे सप्ताह तेजी रही। बम्बई स्टॉक एक्सचेंज (बीएसई) का 30 शेयरों वाला संवेदी सूचकांक सेंसेक्स आलोच्य अवधि में 2.09 फीसदी या 359.81 अंकों की तेजी के साथ 17,557.74 पर बंद हुआ।

सेंसेक्स पिछले सप्ताह 2.13 फीसदी या 358.74 अंकों की तेजी के साथ शुक्रवार को 17,197.93 पर बंद हुआ था।

नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) का 50 शेयरों वाला संवेदी सूचकांक निफ्टी आलोच्य सप्ताह में 2.00 फीसदी या 104.70 अंकों की तेजी के साथ 5,320.40 पर बंद हुआ।

पिछले सप्ताह निफ्टी 2.27 फीसदी या 115.85 अंकों की तेजी के साथ शुक्रवार को 5,215.70 पर बंद हुआ था।

आलोच्य अवधि में बीएसई के मिडकैप और स्मॉलकैप सूचकांकों में मामूली तेजी रही। मिडकैप 0.45 फीसदी या 27.08 अंकों की तेजी के साथ 6,099.61 पर बंद हुआ। पिछले सप्ताह मिडकैप में 3.14 फीसदी तेजी रही थी।

बीएसई का स्मॉलकैप 0.06 फीसदी या 4.07 अंकों की तेजी के साथ 6,549.77 पर बंद हुआ। पिछले सप्ताह स्मॉलकैप में 2.96 फीसदी की तेजी रही थी।

गत सप्ताह सेंसेक्स में तेजी में रहने वाले प्रमुख शेयरों में रहे स्टरलाइट इंडस्ट्रीज (8.77 फीसदी), महिंद्रा एंड महिंद्रा (7.77 फीसदी), हिंदुस्तान युनिलीवर (6.54 फीसदी), रिलायंस इंडस्ट्रीज (5.27 फीसदी) और हिंडाल्को इंडस्ट्रीज (5.23 फीसदी)।

सेंसेक्स में इस सप्ताह गिरावट में रहने वाले शेयरों में प्रमुख रहे भारती एयरटेल (13.73 फीसदी), भारतीय स्टेट बैंक (5.86 फीसदी), हीरो मोटोकॉर्प (2.28 फीसदी), डॉ. रेड्डीज लैब (1.56 फीसदी) और एचडीएफसी (1.32 फीसदी)।

गत सप्ताह बीएसई के 13 में से 11 सेक्टरों में तेजी रही। वाहन (3.86 फीसदी), सूचना प्रौद्योगिकी (3.56 फीसदी), धातु (3.12 फीसदी), तेज खपत वाली उपभोक्ता वस्तु (2.85 फीसदी) और तेल एवं गैस (2.51 फीसदी) में सर्वाधिक तेजी रही।

बीएसई के दो सेक्टरों उपभोक्ता टिकाऊ वस्तु (1.80 फीसदी) और रियल्टी (0.25 फीसदी) में गिरावट रही।

इस सप्ताह के महत्वपूर्ण घटनाक्रमों में सोमवार को केंद्रीय वित्त मंत्री पी. चिदम्बरम ने कहा कि निवेशकों की अपेक्षाओं के मुताबिक सरकार आर्थिक नीतियों में संशोधन करेगी, वित्तीय घाटा कम करेगी और विकास में तेजी लाएगी। उन्होंने कहा, "हम सम्भावित निवेशकों से अपनी नीतियों के बारे में बेहतर संवाद बनाएंगे। हमारा लक्ष्य भारत में कारोबार की राह में समझी जाने वाली बाधाओं को हटाना होगा, इसके तहत अनुचित नियमों के बोझ का डर भी शामिल है।"

चिदम्बरम ने कहा कि विशाल नकदी भंडार वाली भारतीय कम्पनियों को निवेश शुरू करने के लिए प्रोत्साहित करना होगा और विदेशी निवेश संवर्धन बोर्ड के पास आए प्रस्तावों पर तेजी से फैसला लेना होगा। उन्होंने कहा कि उन्होंने सरकार को वित्तीय घाटा कम करने के उपाय सुझाने के लिए तीन सदस्यीय समिति का गठन किया है, जो कुछ ही सप्ताह में अपनी सिफारिश देगी।

चिदम्बरम ने कहा कि आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति आधारभूत संरचना परियोजनाओं को तेजी से लागू करने के रास्ते में आने वाली बाधाओं को दूर करेगी।

चिदम्बरम ने कहा, "कुछ क्षेत्र दबाव में हैं जैसे पेट्रोलियम, बिजली और कपड़ा क्षेत्र। हमें कोयला, खनन, पेट्रोलियम, बिजली, सड़क परिवहन, रेलवे और बंदरगाह क्षेत्र में उच्च उत्पादन को बाधित करने वाली समस्याओं का व्यावहारिक समाधान खोजना हेागा।"

मंगलवार को शोध एवं रेटिंग एजेंसी क्रिसिल ने मौजूदा कारोबारी वर्ष में देश की विकास दर का अनुमान घटाकर 5.5 फीसदी कर दिया। एजेंसी ने पहले 6.5 फीसदी विकास दर की सम्भावना जताई थी। एजेंसी ने खराब मानसून और यूरोपीय संकट के लगातार गम्भीर होने के कारण विकास दर का अनुमान घटाया।

गुरुवार को केंद्रीय सांख्यिकी कार्यालय द्वारा जारी आंकड़े के मुताबिक विनिर्माण क्षेत्र में उत्पादन में काफी गिरावट दर्ज किए जाने के कारण जून में देश का समग्र औद्योगिक उत्पादन 1.8 फीसदी कम रहा। पिछले चार महीने में तीसरी बार औद्योगिक उत्पादन घटा है। औद्योगिक उत्पादन में अप्रैल-जून की अवधि में 0.1 फीसदी गिरावट रही।

केंद्रीय वित्त मंत्री पी. चिदम्बरम ने औद्योगिक उत्पादन आंकड़े पर निराशा जताई और कहा महत्वपूर्ण क्षेत्रों पर ध्यान देने, बाधाओं को हटाने और उत्पादन को बढ़ाने की जरूरत है।

आलोच्य अवधि में विनिर्माण क्षेत्र में 3.2 फीसदी और पूंजीगत वस्तु क्षेत्र में 27.9 फीसदी गिरावट रही थी।

फेडरेशन ऑफ इंडियन चैम्बर्स ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री (फिक्की) के अध्यक्ष आर.वी. कनोरिया ने कहा, "पूंजीगत वस्तु अर्थव्यवस्था का रणनीतिक क्षेत्र है। इसमें पिछले कुछ महीने से नकारात्मक विकास देखा जा रहा है और जून में इसमें लगभग 28 फीसदी गिरावट रही। हमें इस क्षेत्र में विकास को बढ़ावा देने के लिए विशेष कदम उठाने होंगे।"

आलोच्य अवधि में बिजली से चलने वाली मशीनों और उपकरणों के उत्पादन में 56 फीसदी, खाद्य और पेय उद्योग में 5.7 फीसदी और तम्बाकू उत्पादन में 5.4 फीसदी गिरावट रही।

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