खनन, मैनुफैक्चरिंग और सेवा क्षेत्र के प्रदर्शन में सुधार से चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही में भारतीय अर्थव्यवस्था की वृद्धि दर उछलकर 5.7 प्रतिशत पर पहुंच गई। पिछले ढाई साल में दर्ज यह सबसे ज्यादा वृद्धि है।
इससे पहले जनवरी-मार्च तिमाही में सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) वृद्धि दर 4.6 प्रतिशत और एक साल पहले अप्रैल-जून तिमाही में 4.7 प्रतिशत रही थी।
केन्द्रीय सांख्यिकी संगठन (सीएसओ) द्वारा आज जारी पहली तिमाही के वृद्धि आंकड़ों के अनुसार इस दौरान विनिर्माण क्षेत्र में 3.5 प्रतिशत की वृद्धि रही, जबकि पिछले वर्ष इस क्षेत्र में 1.2 प्रतिशत गिरावट दर्ज की गई थी।
इसी तरह अप्रैल-जून 2014 तिमाही में खनन क्षेत्र में 2.1 प्रतिशत वृद्धि रही जबकि पिछले वर्ष इसी अवधि में 3.9 प्रतिशत गिरावट रही थी।
चालू वित्त वर्ष के दौरान पहली तिमाही में सबसे अधिक 10.4 प्रतिशत वृद्धि वित्तीय सेवाओं के क्षेत्र में रही। इसके बाद बिजली, गैस और जलापूर्ति क्षेत्र में 10.2 प्रतिशत वृद्धि दर्ज की गई।
इससे पहले वर्ष 2011-12 की जनवरी-मार्च तिमाही में 6 प्रतिशत आर्थिक वृद्धि दर्ज की गई थी जो कि चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही में हासिल वृद्धि से अधिक थी।
चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही में निर्माण क्षेत्र में पिछले साल की 1.1 प्रतिशत वृद्धि के मुकाबले इस साल 4.8 प्रतिशत वृद्धि रही। इसी प्रकार व्यापार, होटल, परिवहन और संचार क्षेत्र में एक साल पहले इसी अवधि के 1.6 प्रतिशत के मुकाबले 2.8 प्रतिशत वृद्धि दर्ज की गई। कृषि क्षेत्र में एक साल पहले जहां 4 प्रतिशत वृद्धि रही थी, वहीं इस साल पहली तिमाही में यह घटकर 3.8 प्रतिशत रह गई।
निवेश का मापक माने जाने वाला सकल स्थायी पूंजी निर्माण मौजूदा दाम पर पहली तिमाही में 8.14 लाख करोड़ रुपये रहने का अनुमान है। एक साल पहले यह मूल्य 7.32 लाख करोड़ रुपये था। वर्ष 2004-05 के स्थिर मूल्य पर यह 2014-15 की पहली तिमाही में 4.96 लाख करोड़ रुपये रहा। एक साल पहले 4.63 लाख करोड़ रुपये था।
औद्योगिक उत्पादन सूचकांक के अनुसार खनन, विनिर्माण और विद्युत उत्पादन के क्षेत्र में पहली तिमाही के दौरान क्रमश 3.2 प्रतिशत, 3.1 प्रतिशत और 11.3 प्रतिशत वृद्धि हुई। एक साल पहले इसी अवधि के दौरान खनन में 4.6 प्रतिशत और विनिर्माण क्षेत्र में 1.1 प्रतिशत गिरावट दर्ज की गई थी, जबकि बिजली क्षेत्र में 3.5 प्रतिशत वृद्धि रही।
सेवा क्षेत्र में रेलवे माल परिवहन में 3.3 प्रतिशत, यात्री परिवहन में 5.5 प्रतिशत वृद्धि रही जबकि नागर विमानन क्षेत्र में माल और यात्री परिवहन में क्रमश 7.5 और 6.2 प्रतिशत तथा प्रमुख बंदरगाहों के माल परिवहन में 4.3 प्रतिशत वृद्धि दर्ज की गई। वाणिज्यिक वाहनों की बिक्री में इस दौरान 16.1 प्रतिशत गिरावट रही।
आलोच्य तिमाही में निजी अंतिम उपभोग व्यय वर्तमान मूल्य पर पिछले साल के 14.92 लाख करोड़ रुपये के मुकाबले 16.71 लाख करोड़ रुपये रहा। स्थिर मूल्यों पर यह व्यय पिछले साल के 8.85 लाख करोड़ रुपये से बढ़कर 9.35 लाख करोड़ रुपये रहा। इसी तरह सरकार का अंतिम उपभोग व्यय वर्तमान मूल्यों पर पहली तिमाही में पिछले साल के 3.29 लाख करोड़ से बढ़कर 3.81 लाख करोड़ रुपये और स्थिर मूल्य पर 1.72 लाख करोड़ से बढ़कर 1.87 लाख करोड़ रुपये रहा।