भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) के चेयरमैन प्रतीप चौधरी ने गुरुवार को कहा कि ऑनलाइन न्यूज पोर्टल कोबरापोस्ट के स्टिंग ऑपरेशन में कुछ बैंक अधिकारियों को कर से बचने के लिए जमाओं को विभाजित करने के बारे में सुझाव अवांछित रूप से हल्की बातें जरूर हैं लेकिन स्पष्ट रूप से यह आपराधिक मामला नहीं है।
ऑनलाइन पोर्टल कोबरापोस्ट द्वारा बैंक पर मनी-लॉन्ड्रिंग में शामिल होने के आरोप के बारे में पूछे जाने पर चौधरी ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘प्रथम दृष्ट्या जो बातें हमारे सामने आई हैं, उसमें अपराध जैसा कुछ नहीं है। अगर कोई आपको अपनी जमाओं को विभाजित करने के लिए कहे। मसलन 50 लाख रुपये की जमा को 50 हजार रुपये या एक लाख रुपये में विभाजित करने के लिए कहता है। यह हल्की बातें जैसी हैं लेकिन यह अवांछित है।’’
उन्होंने यह भी कहा कि इस मामले में ऐसा कुछ नहीं पाया गया है जिससे लगे कि कर्मचारी को लाभ हुआ है।
चौधरी ने कहा, ‘‘कोबरापोस्ट की रिपोर्ट में जो कुछ सामने आया है, वह भ्रष्टाचार नहीं है। कुछ गतिविधियां हैं जिसे मनी लांड्रिंग या कर चोरी का नाम दिया गया है। ऐसा कोई मामला नहीं है जिससे कर्मचारियों को फायदा हुआ है। कुछ मामलों में कर देने से बचने के लिए अपनी जमाओं को विभाजित करते हैं, लेकिन ऐसा नहीं होना चाहिए।’’
बैंक ने इस खुलासे के बाद अपने तीन अधिकारियों को निलंबित किया है।