अर्थव्यवस्था के तीव्र वृद्धि की राह पर लौटने की उम्मीदें उस समय धूमिल पड़ती दिखीं जब दिवाली की पूर्व संध्या पर जारी सरकारी आंकड़ों में औद्योगिक उत्पादन और निर्यात में गिरावट तथा खुदरा बाजार की महंगाई में वृद्धि दर्ज की गई।
बहुचर्चित 2जी स्पेक्ट्रम की नीलामी में भी उत्साह नहीं दिखाई दिया। पहले दिन दूरसंचार कंपनियों ने ज्यादा रचि नहीं दिखाई। ऐसे में स्पेक्ट्रम नीलामी से सरकार को 40,000 करोड़ जुटा लेने की उम्मीदें भी सिरे चढ़ती नजर नहीं आतीं हैं।
विनिर्माण क्षेत्र के खराब प्रदर्शन से सितंबर माह में औद्योगिक उत्पादन (आईआईपी) में 0.4 प्रतिशत की गिरावट दर्ज की गई जबकि एक साल पहले इसी महीने में आईआईपी में 2.5 प्रतिशत वृद्धि दर्ज की गई थी। एक महीना पहले अगस्त, 2012 में औद्योगिक उत्पादन में सालाना आधार पर 2.3 प्रतिशत वृद्धि रही थी।
देश के निर्यात कारोबार में भी गिरावट का दौर रहा। एक साल पहले की तुलना में अक्तूबर 2012 में निर्यात में 1.63 प्रतिशत गिरावट आ गई और व्यापार घाटा 21 अरब डॉलर की रिकॉर्ड ऊंचाई पर पहुंच गया। हालांकि, पिछले माह की तुलना में यह गिरावट कुछ कम रही है।