प्रधानमंत्री की आर्थिक सलाहकार परिषद के चेयरमैन सी रंगराजन ने कहा है कि भारत की साख की रेटिंग घटाने का कोई मामला नहीं बनता और वैश्विक एजेंसियों को रेटिंग के संबंध में कोई भी निर्णय करने से पहले वैश्विक परिदृश्य को ध्यान में रखने की जरूरत है।
रंगराजन ने बताया, ‘‘रेटिंग एजेंसियों को यह तथ्य भी पहचानने की जरूरत है कि हमने हाल में कुछ कड़े कदम उठाए हैं, इसलिए मेरा विश्वास है कि भारत की रेटिंग घटाने के लिए रेटिंग एजेंसियों के पास कोई मजबूत आधार नहीं है।’’
उन्होंने कहा कि रेटिंग एजेंसियों को दुनियाभर में क्या हो रहा है, इस संदर्भ में भारत के निष्पादन का आकलन करने की जरूरत है, मेरा विश्वास है कि रेटिंग एजेंसियों के नजरिए में बदलाव आएगा।
उल्लेखनीय है कि स्टैंडर्ड एंड पूअर्स जैसी क्रेडिट रेटिंग एजेंसियों ने चेतावनी दी है कि अगर भारत जरूरी आर्थिक सुधारों के लिए कदम नहीं उठाता है तो वे 24 महीने में भारत की क्रेडिट रेटिंग घटाकर ‘जंक’ ग्रेड कर देंगी। इसके अलावा, रेटिंग एजेंसियों ने चालू वित्तवर्ष के लिए भारत की आर्थिक वृद्धि के अनुमान को भी घटा दिया है।