सहारा समूह के प्रमुख सुब्रत रॉय को इस बात का रंज है कि शेयर बाजार नियामक सेबी के समक्ष बुधवार को उनकी एक घंटे की पेशी दौरान उनसे एक कप चाय तक के लिए नहीं पूछा गया।
सेबी मुख्यालय से निकलने के बाद रॉय ने संवाददाताओं से कहा, हमने सेबी को (निवेशकों को धन लौटाने के लिए) 5,000 करोड़ रुपये से अधिक की राशि दे रखी है। इसके अलावा, हमें अन्य सभी खर्चे भी उठाने हैं, लेकिन इस एक घंटे में उन्होंने चाय तक के लिए नहीं पूछा।
सेबी द्वारा रॉय और सहारा समूह के तीन अन्य शीर्ष अधिकारियों को समन जारी कर बुधवार को व्यक्तिगत तौर पर पेश होने के लिए कहा गया था, ताकि नियामक उनकी व्यक्तिगत एवं सहारा फर्मों की संपत्तियों के ब्योरों की जांच कर सके।
सेबी निवेशकों का पैसा लौटाने के लिए उनकी और उनकी कंपनियों की संपत्तियों की नीलामी की प्रक्रिया में लगा है। सेबी मुख्यालय के बाहर इस दौरान अफरा-तफरी मची थी। वहां बड़ी संख्या में मीडियाकर्मी सेबी के समक्ष रॉय की पेशी की खबर के लिए एकत्र हुए थे।
रॉय ने कहा कि सेबी द्वारा उनसे उनकी व्यक्तिगत संपत्तियों के बारे में पूछा गया, लेकिन वे इसकी जानकारी पाकर चकरा गए होंगे। उन्होंने दावा किया, सोने के आभूषण और रत्न समेत कुल तीन करोड़ रुपये की संपत्ति है। नकदी और बैंक जमा 34 लाख रुपये है तथा सावधि जमा 1.59 करोड़ रुपये है। बदौली में एक चीनी मिल खरीदने के लिए मैंने 11 करोड़ रुपये ऋण लिया था। मेरे पास कोई अचल संपत्ति नहीं है। रॉय ने कहा, इस दुनिया में, आप न तो किसी सही आदमी को गलत साबित कर सकते हैं और न ही किसी गलत चीज को सही साबित किया जा सकता है।