ADVERTISEMENT

सरकारी बैंकों का एनपीए खतरे के स्तर पर नहीं : चिदम्बरम

केंद्रीय वित्त मंत्री पी. चिदम्बरम ने शनिवार को कहा कि सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों की गैर निष्पादित परिसम्पत्तियां (एनपीए) पिछले कारोबारी साल में मामूली बढ़ी हैं और यह खतरे के स्तर पर नहीं हैं।
NDTV Profit हिंदीNDTV Profit Desk
NDTV Profit हिंदी06:22 PM IST, 18 Aug 2012NDTV Profit हिंदी
NDTV Profit हिंदी
NDTV Profit हिंदी
Follow us on Google NewsNDTV Profit हिंदीNDTV Profit हिंदीNDTV Profit हिंदीNDTV Profit हिंदीNDTV Profit हिंदीNDTV Profit हिंदीNDTV Profit हिंदीNDTV Profit हिंदीNDTV Profit हिंदीNDTV Profit हिंदी

केंद्रीय वित्त मंत्री पी. चिदम्बरम ने शनिवार को कहा कि सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों की गैर निष्पादित परिसम्पत्तियां (एनपीए) पिछले कारोबारी साल में मामूली बढ़ी हैं और यह खतरे के स्तर पर नहीं हैं।

सरकारी बैंकों के प्रमुखों से मुलाकात के बाद उन्होंने संवाददाताओं से कहा, "मार्च 2012 को समाप्त कारोबारी साल में एनपीए में मामूली वृद्धि हुई है। खतरे की स्थिति नहीं है। एनपीए से अर्थव्यवस्था में सुस्ती का पता चलता है, लेकिन यह काफी कम है।" उन्होंने कहा, "सभी सरकारी बैंकों का एनपीए मार्च 2012 को समाप्त हुए वर्ष के लिए 3.17 फीसदी है। मुझे पूर्ण भरोसा है कि आर्थिक तेजी लौटते ही एनपीए भी बेहतर होगा।"

चिदम्बरम ने एक अगस्त 2012 को वित्त मंत्रालय की जिम्मेदारी सम्भाली है। इसके बाद सरकारी बैंकों के प्रमुखों के साथ यह उनकी पहली मुलाकात थी।

अर्थव्यवस्था में सुस्ती छाई हुई है और देश के कुछ हिस्सों में सूखा पड़ा है। इससे आशंका है कि एनपीए बढ़ सकता है।

उल्लेखनीय है कि प्रधानमंत्री की आर्थिक सलाहकार परिषद ने शुक्रवार को मौजूदा कारोबारी साल के लिए विकास दर का पूर्वानुमान घटाकर 6.7 फीसदी कर दिया, जो पहले 7.5 फीसदी से आठ फीसदी रखा गया था।

इससे पहले, भारतीय रिजर्व बैंक ने भी मौजूदा कारोबारी साल के लिए विकासदर के अनुमान को पहले जताए अनुमान 7.3 फीसदी से घटाकर 6.5 फीसदी कर दिया था।

वित्त मंत्री ने कहा कि सभी सरकारी बैंकों को सूखे से प्रभावित क्षेत्रों में किसानों की मदद करने के लिए कहा गया है।

चिदम्बरम ने कहा कि देश की वित्तीय स्थिति मजबूत है। उन्होंने कहा, "वित्तीय क्षेत्र देश की अर्थव्यवस्था की रीढ़ की हड्डी है और उसकी रीढ़ है सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक।"

NDTV Profit हिंदी
लेखकNDTV Profit Desk
NDTV Profit हिंदी
फॉलो करें
ADVERTISEMENT
ADVERTISEMENT