वित्त मंत्री पी चिदंबरम ने बैंक कानूनों में संशोधन के लिए प्रस्तावित विधेयक पर संसद में उत्पन्न गतिरोध को दूर करने के प्रयास में मुख्य विपक्षी दल भारतीय जनता पार्टी के नेताओं से मुलाकात की।
भाजपा बैंकिंग विधि (संशोधन) विधेयक 2011 का कुछ मुद्दों पर विरोध कर रही है। चिदंबरम ने गतिरोध के मुद्दों पर चर्चा के लिए लोक सभा में विपक्ष की नेता सुष्मा स्वराज और राज्य सभा में विपक्ष के नेता अरुण जेटली से मुलाकात की। भाजपा का कहना है कि विधेयक में कुछ ऐसे प्रावधान जोड़ दिए गए हैं जिन पर वित्तीय विषय संबंधी संसद की स्थायी समिति ने सिफारिश नहीं की है।
सूत्रों ने कहा कि भाजपा नेतों ने कहा कि नए बैंकिंग कानूनों में वायदा व्यापार को शामिल करने का प्रस्ताव उन्हें स्वीकार्य नहीं है क्यों कि इससे छोटे व्यापारियों का व्यवसाय प्रभावित होगा। सूत्रों ने कहा, ‘भाजपा का डर है कि प्रथम दृष्टया वायदा बाजार को बैंकिंग कानून के दायरे में लाने से छोटे व्यापारियों को नुकसान होगा।’ रिपोर्टों के मुताबिक सरकार ने विधेयक में यह प्रावधान खाद्य प्रसंस्करण और उपभोक्ता मामलों से संबंधित स्थायी समिति की सिफारिश पर डाला है।
भाजपा को विधेयक के कुछ और प्रावधानों पर भी आपत्ति है। वह चाहती है कि इसे दोबारा स्थायी समिति को सौंपा जाए ताकि उनकी विस्तार से समीक्षा की जा सके।
वामदलों का आरोप है कि भाजपा और कांग्रेस ने बैंकिंग संशोधन विधेयक पर समझौता कर लिया है। दोनों बड़ी पार्टियां अपने अपने रुख पर कायम है। इसे देखते हुए फिलहाल गतिरोध समाप्त होने के आसार नहीं नजर आ रहे हैं।