कर चोरों को चेतावनी देते हुए वित्तमंत्री पी चिदंबरम ने कहा कि कर चोरी का पता लगाने के लिए बड़ी संख्या में आंकड़े एकत्र किए जा रहे हैं। उन्होंने कर न चुकाने वालों के लिए कोई नई माफी योजना लाने की संभावना से इनकार किया है।
वित्तमंत्री ने पीटीआई के साथ बातचीत में कहा, माफी योजना का कोई मामला ही नहीं बनता, क्योंकि एक लघु वर्ग को छोड़कर जो करमुक्त है, अब लगभग सभी रिटर्न ऑनलाइन दाखिल किए जा रहे हैं। हमारे पास व्यापक स्तर पर आंकड़े हैं, जिन्हें खंगाला जा रहा है, इसलिए माफी का कोई मामला नहीं बनता।
उन्होंने कहा, मैं लोगों से कहना चाहूंगा कि कृपया अपनी आय न छिपाएं। अपनी आय का खुलासा करें और कर भुगतान कर एक गौरवान्वित नागरिक बनें। चिदंबरम ने कहा कि बजट में एक खास तबके को छोड़कर किसी भी वर्ग के लोगों पर कोई अतिरिक्त कर भार नहीं डाला गया। केवल सालाना एक करोड़ रुपये से अधिक की आय वर्ग के समृद्ध 42,800 लोगों पर 10 प्रतिशत का अधिभार का एक छोटा बोझ डाला गया है।
वित्तमंत्री ने इस आशंका को खारिज किया कि धनी व्यक्तियों पर लगाया गया यह अधिभार कर एक साल से अधिक जारी रह सकता है। चिदंबरम ने कहा, पूर्व में अधिभार लगाए गए हैं और उन्हें खत्म कर दिया गया है। उन्होंने बैंकिंग नकदी लेनदेन कर और सीमांत लाभकर हटाए जाने का उदाहरण दिया, जिन्हें कुछ साल पहले के बजटों में खत्म कर दिया गया।
वित्तमंत्री ने इन आशंकाओं को भी खारिज किया कि अमीरों पर कर लगाए जाने से लोग देश से बाहर भागेंगे। उन्होंने कहा, कोई भी कहीं नहीं जाएगा। मैं आपको आश्वस्त करता हूं। दुनिया में आप कहीं भी भारत जितने घरेलू नौकर नहीं रख सकते। सुख केवल धन से नहीं मिलना आता।
चिदंबरम ने उम्मीद जताई कि बजट में प्रस्तावित अन्य उपायों और चौंकाने वाले आंकड़ों से और लोग अपनी सही आय का खुलासा करने को प्रेरित होंगे। एकत्र किए गए आंकड़ों के आधार पर 35,000 लोगों को नोटिस जारी किए जा चुके हैं। जिन लोगों को नोटिस भेजे गए हैं, उन्हें उनके खर्च और खरीद के बारे में बताया गया है। इनके सबके बावजूद उन्होंने आयकर रिटर्न दाखिल नहीं किए हैं।
वित्तमंत्री ने कहा कि अगले सप्ताह और 35,000 लोगों को नोटिस जारी किए जा रहे हैं तथा बाद में और नोटिस जारी किए जाएंगे। वित्तमंत्री ने कहा, बेंगलुरु में हमारा एक केंद्रीय प्रसंस्करण प्रकोष्ठ है, जो अति उन्नत सॉफ्टवेयर का इस्तेमाल कर सभी आयकर रिटर्न को खंगालता है। इसलिए, अगर आयकर रिटर्न से प्राप्त सूचना अन्य स्रोतों से मिली सूचना से मेल नहीं खाती है, तो उस पर काम किया जाएगा।
एक सवाल पर उन्होंने कहा कि कालाधन की मात्रा के बारे में कोई अनुमान नहीं है, लेकिन 125 करोड़ की आबादी वाले देश में खाद्य सुरक्षा के दायरे में आने वाले 67 प्रतिशत लोगों और बच्चों को छोड़ दें तो विभिन्न खंडों में ऐसे 15 करोड़ लोग होंगे, जो आय अर्जित कर रहे हैं।
चिदंबरम ने कहा, आबादी के शीर्ष 10 प्रतिशत लोगों की आय काफी अधिक हो सकती है। मुझे लगता है कि ऐसे लोगों की संख्या 42,800 से कई गुना अधिक हो सकती है। हो सकता है ऐसे लोग एक करोड़ रुपये न कमा रहे हैं, लेकिन उनकी आय निश्चित तौर पर 75 लाख रुपये या 50 लाख रुपये होगी। उन्होंने कहा, उन्हें इस आय को स्वीकारना चाहिए और आयकर का भुगतान करना चाहिए। मुझे लगता है कि करों का भुगतान नहीं करना अपराध है। सही तरह का कर भुगतान नहीं करना एक दूसरा अपराध है।