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भारत के लिए 'सटीक प्रवक्ता' हैं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी : आरबीआई गवर्नर रघुराम राजन

NDTV से इंटरव्यू में डॉ राजन ने प्रधानमंत्री की भारत को निवेश के लिए अच्छे विकल्प के रूप में पेश करने की पहल का समर्थन करते हुए कहा, "हमें बस इतना करना है कि वह अपनी यात्राओं में देश की जो छवि बनाकर आते हैं, उसे बरकरार रखने और उसे पुष्ट करने के लिए ज़मीनी स्तर पर काम करें..."
NDTV Profit हिंदीWritten by Shweta Rajpal Kohli, Translated by Vivek Rastogi
NDTV Profit हिंदी05:32 PM IST, 30 Sep 2015NDTV Profit हिंदी
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रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (आरबीआई) के गवर्नर रघुराम राजन ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को 'भारत का सटीक प्रवक्ता' करार देते हुए कहा कि केंद्र सरकार अर्थव्यवस्था के प्रबंधन के मामले में बढ़िया काम कर रही है।

NDTV को दिए एक एक्सक्लूसिव इंटरव्यू में डॉ राजन ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की भारत को निवेश के लिए अच्छे विकल्प के रूप में पेश करने की पहल का समर्थन करते हुए कहा, "हमें बस इतना करना है कि वह (प्रधानमंत्री) अपनी यात्राओं में देश की जो छवि बनाकर आते हैं, उसे बरकरार रखने और उसे पुष्ट करने के लिए ज़मीनी स्तर पर काम करें..."

'आरबीआई और वित्त मंत्रालय में मतभेद नहीं'
'रॉकस्टार' सेंट्रल बैंकर कहे जाने वाले डॉ राजन ने इस बात से साफ इनकार किया कि आरबीआई, जिसे 'मिन्ट स्ट्रीट' कहा जाता है, और नॉर्थ ब्लॉक (वित्त मंत्रालय) के बीच कुछ कड़वाहट या मतभेद हैं। 52-वर्षीय रघुराम राजन के अनुसार, आरबीआई और सरकार के बीच रिश्ते काफी मजबूत रहे हैं, हालांकि उन्होंने साफ किया कि हमेशा ऐसा भी नहीं होता कि वह वित्तमंत्री के पक्ष से सहमत हों ही।

डॉ राजन ने कहा, "वरना जनता को इस बात की चिंता होने लगेगी कि केंद्रीय बैंक ज़रूरत से ज़्यादा सरकार की 'हां में हां' मिला रहा है... दूसरे शब्दों में हमें चौकीदार जैसा बने रहना चाहिए, जिसे कभी-कभी नहीं कहना भी आना चाहिए..."

खाद्य प्रबंधन के लिए मोदी सरकार की तारीफ
डॉ रघुराम राजन ने सरकार की तारीफ खाद्य प्रबंधन के लिए भी की, जिससे उनके मुताबिक लगातार दो साल सूखा पड़ने के बावजूद खाद्य मुद्रास्फीति को काबू में रखने में मदद मिली। आरबीआई प्रमुख ने यह भी कहा कि अगर आंकड़ों ने साथ दिया तो वह और भी ज़्यादा 'ध्यान रखेंगे', जिससे संकेत मिलते हैं कि वह ब्याज दरों में और भी कटौती कर सकते हैं।

भारतीय उद्योग जगत को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सलाह के बारे में याद दिलाते हुए डॉ राजन ने कहा कि निवेशकों को सकारात्मक मूड में काम शुरू कर देना चाहिए, और सरकार द्वारा कदम उठाए जाने के इंतज़ार में बैठे नहीं रहना चाहिए। उनके मुताबिक, "जल्दी शुरू करने वालों को ज़्यादा लाभ होना तय है..."

'पत्नी ने मना किया, इसलिए राजनीति में नहीं आऊंगा'
हालांकि उनके कामकाज के दौरान राजनीतिज्ञों से उनका संपर्क लगातार बना रहता है, लेकिन डॉ राजन का आरबीआई गवर्नर के रूप में अपना तीन-वर्षीय कार्यकाल अगले साल पूरा हो जाने के बाद राजनीति को पूर्णकालिक करियर बनाने का कोई इरादा नहीं लगता। जब उनसे पूछा गया कि क्या वह राजनीति में उतरेंगे, उन्होंने कहा, "सारे बड़े फैसले मेरी पत्नी करती हैं, और उन्होंने 'नहीं' कहा है..."

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