ADVERTISEMENT

धीमी आर्थिक वृद्धि का दौर लंबा नहीं खिंचेगा : मनमोहन सिंह

अर्थव्यवस्था की वृद्धि दर पिछले एक दशक में सबसे निचले स्तर तक पहुंच जाने के बीच प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने आज उम्मीद जताई कि सुस्ती का यह दौर ज्यादा लंबा नहीं खिंचेगा।
NDTV Profit हिंदीNDTV Profit Desk
NDTV Profit हिंदी09:24 AM IST, 15 Aug 2013NDTV Profit हिंदी
NDTV Profit हिंदी
NDTV Profit हिंदी
Follow us on Google NewsNDTV Profit हिंदीNDTV Profit हिंदीNDTV Profit हिंदीNDTV Profit हिंदीNDTV Profit हिंदीNDTV Profit हिंदीNDTV Profit हिंदीNDTV Profit हिंदीNDTV Profit हिंदीNDTV Profit हिंदी

अर्थव्यवस्था की वृद्धि दर पिछले एक दशक में सबसे निचले स्तर तक पहुंच जाने के बीच प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने आज उम्मीद जताई कि सुस्ती का यह दौर ज्यादा लंबा नहीं खिंचेगा।

उन्होंने कहा कि स्थिति में सुधार लाने के लिये सरकार कड़ी मेहनत कर रही है।

मनमोहन ने आज 67वें स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर लालकिले की प्राचीर से राष्ट्र को संबोधित करते हुए कहा, मेरा विश्वास है कि भारत में धीमी आर्थिक वृद्धि का यह दौर लंबा नहीं खिंचेगा। पिछले नौ वर्ष के दौरान जो हमने औसत उच्च आर्थिक वृद्धि हासिल की है उससे यह साबित होता है कि हम बेहतर करने में सक्षम हैं। बहरहाल, आर्थिक वृद्धि की गति धीमी हुई है और हम स्थिति में सुधार लाने के लिए कड़ी मेहनत कर रहे हैं।

उन्होंने कहा पिछले नौ वर्ष के दौरान अर्थव्यवस्था की औसत सालाना वृद्धि दर 7.9 प्रतिशत रही। अर्थव्यवस्था में वृद्धि की यह रफ्तार किसी भी दशक में अब तक सर्वाधिक रही है। देश की अर्थव्यवस्था में लगातार दो साल 8 प्रतिशत से अधिक की वृद्धि हासिल होने के बाद यह वर्ष 2011.12 में धीमी पड़कर 6.2 प्रतिशत रह गई और उसके बाद खेती, विनिर्माण और खनन क्षेत्र के कमजोर प्रदर्शन से और धीमी पड़कर एक दशक के निम्न स्तर 5 प्रतिशत तक रह गई।


मनमोहन ने कहा, केवल भारत ही अकेला देश नहीं है, जो आर्थिक सुस्ती का सामना कर रहा है। पूरी दुनिया में निर्यात बाजार में मंदी छाई है और विकासशील देशों की आर्थिक वृद्धि इससे प्रभावित हुई है।

उन्होंने कहा, केवल हमारा देश ही नहीं है, जो कि आर्थिक मुश्किलों का सामना कर रहा है। पिछला साल पूरी दुनिया की अर्थव्यवस्था के लिए मुश्किल रहा है। प्रमुख यूरोपीय देश भी इन दिनों मंदी का सामना कर रहे हैं। सरकार का मानना है कि चालू वित्त वर्ष के दौरान आर्थिक वृद्धि दर 6 प्रतिशत के आसपास रहेगी। सरकार ने अर्थव्यवस्था में निवेश बढ़ाने के लिए कई उपाय किये हैं, विशेषतौर पर विदेशी निवेश आकर्षित करने की दिशा में कई उपाय किए गए।

मनमोहन ने राष्ट्र को संबोधित करते हुए कहा, पिछले नौ साल के दौरान जो औसत वार्षिक वृद्धि हमने हासिल की है वह दिखाती है कि हम बेहतर करने में सक्षम हैं। वर्ष 2004-05 से लेकर 2008-09 के इन पांच सालों के दौरान देश की आर्थिक वृद्धि दर 8.4 प्रतिशत रही, जबकि इसके बाद अगले चार सालों के दौरान यह 7.3 प्रतिशत रही।

प्रधानमंत्री ने कहा कि तीव्र आर्थिक विकास देश के लिए काफी महत्वपूर्ण है, इसके बिना देश में गरीबी दूर करने, बेहतर शिक्षा और स्वास्थ्य सेवाओं तथा रोजगार के अवसर बढ़ाने के लक्ष्य हासिल करना संभव नहीं है।

मनमोहन ने कहा, निवेश बढ़ाने के इन प्रयासों के परिणाम हम आने वाले महीनों में देखेंगे। हमारी आर्थिक वृद्धि दर तेज होगी, रोजगार के नए अवसर पैदा होंगे और ढांचागत क्षेत्र में सुधार आएगा।’ सरकार ने इस साल जनवरी में ढांचागत क्षेत्र की लंबित बड़ी परियोजनाओं की मंजूरी प्रक्रिया तेज करने के लिये प्रधानमंत्री की अध्यक्षता में मंत्रिमंडल की निवेश समिति गठित की है।

उन्होंने कहा, आने वाले महीनों में हम देखेंगे की ढांचागत क्षेत्र की कई परियोजनाओं पर काम शुरू हुआ है। इनमें दो नए प्रमुख हवाईअड्डे, 8 अन्य हवाईअड्डे, औद्योगिक गलियारा और रेल परियोजनाएं शामिल हैं। प्रधानमंत्री ने आगे कहा कि कोयले की अपर्याप्त आपूर्ति एक बड़ी समस्या बन गई थी। कोयले के अभाव में हमारे बिजली उत्पादन बढ़ाने के प्रयासों पर प्रतिकूल असर पड़ा है। इस समस्या को काफी हद तक सुलझा लिया गया है।

मनमोहन ने कहा कि कृषि क्षेत्र में उच्च वृद्धि हासिल किए बिना गांवों को समृद्ध बनाना संभव नहीं होगा। प्रधानमंत्री ने कहा, हम लगातार उत्पादन बढ़ाने का प्रयास करते रहे हैं ताकि हमारे किसानों को उनकी उपज का बेहतर और लाभकारी दाम मिले। प्रधानमंत्री ने कहा कि पिछले 9 साल के दौरान विभिन्न फसलों के न्यूनतम समर्थन मूल्य में जितनी वृद्धि की गई उतनी पहले कभी नहीं हुई। इससे पहले कई राज्य, जो खाद्यान्न की कमी से जूझ रहे थे आज अपनी जरूरत से ज्यादा अनाज पैदा कर रहे हैं।

NDTV Profit हिंदी
लेखकNDTV Profit Desk
NDTV Profit हिंदी
फॉलो करें
ADVERTISEMENT
ADVERTISEMENT