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महाराष्ट्र के सूखे का असर दाल की कीमतों पर, अरहर दाल के दाम 35 रुपये तक बढ़े

महाराष्ट्र के सूखे का असर अब साफ तौर पर बाजार में दाल की कीमतों पर दिखने लगा है। खाद्य मंत्रालय के पास मौजूद आंकड़ों के मुताबिक पिछले 15 दिनों में अरहर दाल के दाम देश के 18 बड़े शहरों में 7 रुपये से 35 रुपये प्रति किलो तक बढ़ गए हैं।
NDTV Profit हिंदीHimanshu Shekhar Mishra
NDTV Profit हिंदी12:22 AM IST, 04 May 2016NDTV Profit हिंदी
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महाराष्ट्र के सूखे का असर अब साफ तौर पर बाजार में दाल की कीमतों पर दिखने लगा है। खाद्य मंत्रालय के पास मौजूद आंकड़ों के मुताबिक पिछले 15 दिनों में अरहर दाल के दाम देश के 18 बड़े शहरों में 7 रुपये से 35 रुपये प्रति किलो तक बढ़ गए हैं।

महाराष्ट्र के सूखे ने कई दलहन फसलों को तबाह कर दिया। इसका असर अनाज मंडियों में साफ तौर पर दिखने लगा है। खाद्य मंत्रालय के आंकड़ों के मुताबिक 18 अप्रैल से 3 मई के बीच 18 अहम शहरों में अरहर दाल 7 रुपये किलो या उससे ज़्यादा महंगी हो गई है। सबसे ज्यादा बढ़ोतरी झांसी में दर्ज की गई है, जहां अरहर दाल की कीमत 125 रुपये प्रति किलो से बढ़कर 160 रुपये प्रति किलो तक पहुंच गई, यानी 35 रुपये की बढ़ोतरी।

इस दौरान पटना में अरहर दाल की कीमत 115 रुपये प्रति किलो से बढ़कर 140 रुपये, सूरत में 120 से बढ़कर 140 रुपये, मैसूर में 128 से बढ़कर 147 रुपये और दुर्ग में 125 रुपये बढ़कर 140 रुपये प्रति किलो हो गई है।

दिल्ली के नया बाजार में दाल व्यापारी आनंद गर्ग कहते हैं, "महाराष्ट्र के कई जिलों में अरहर दाल की खेती होती है। वहां भयंकर सूखे की वजह से काफी फसल बर्बाद हो गई, जिसकी वजह से देश की बड़ी मंडियों में दाल कम पहुंची है और इसकी कीमतें बढ़ गई हैं।"

दाल महंगी होने की वजह से बाजार में इसकी बिक्री भी घट गई है। दाल व्यापारी सरकारी नीतियों को भी इसके लिए जिम्मेदार मानते हैं। दाल व्यापारी विजय कुमार कहते हैं, "स्टॉक होल्डिंग 2000 क्विंटल फिक्स करने से व्यापारी बड़े स्तर पर व्यापार नहीं कर पा रहे हैं।"

अब व्यापारियों की मांग है कि सरकार को दिल्ली में स्टॉक होल्डिंग लिमिट 2000 क्विंटल से बढ़ाना चाहिए। दाल व्यापारी श्याम लाल कहते हैं, "2000 क्विंटल की सीमा 1956 में तय की गई थी, जब दिल्ली की जनसंख्या 20 लाख थी...अब ये ज़रूरी हो गया है कि स्टॉक होल्डिंग की सीमा बढ़ाकर 5000 क्विंटल की जाए।"

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