दाल की महंगाई को लेकर विपक्ष के निशाने पर आए वित्त मंत्री अरुण जेटली ने मंगलवार को कहा कि नई फसल आने और जमाखोरों पर कार्रवाई से दालों के दाम घटेंगे। वित्त मंत्री ने कहा कि कांग्रेस के सत्ता से बाहर होने के बाद खुदरा मुद्रास्फीति 12 प्रतिशत से घटकर चार प्रतिशत पर आ गई है।
उन्होंने कहा कि दालों के दामों में इसलिए भी तेजी आई क्योंकि राज्यो द्वारा जमाखोरों पर उचित कार्रवाई नहीं की गई। जेटली ने एक कार्यक्रम में कहा, मुद्रास्फीति की दर में पिछले डेढ़ साल में कमी आई है। कई जिंसों के दाम नीचे आए हैं। लेकिन कुछ उत्पाद ऐसे हैं जिनकी देश के भीतर और विदेशी बाजारों में आवक कम है। देश में 2.2 करोड़ टन दालों की जरूरत है। हमने उत्पादन 1.7 करोड़ टन तक पहुंचाया है, लेकिन अभी भी यह जरूरत से 50 लाख टन कम है।
वित्त मंत्री ने कहा कि जिन देशों से हम दालों का आयात करते हैं, उनमें से ज्यादातर में उत्पादन कम रहा है। कुछ व्यापारियों ने इसका फायदा उठाकर दालों की जमाखोरी की। इस बारे में कार्रवाई करना और छापे मारना राज्य सरकार की जिम्मेदारी है। उन्होंने कहा कि पिछले कुछ दिन के दौरान केंद्र और राज्यों के हस्तक्षेप के बाद बड़ी संख्या में छापेमारी की गई। इससे दालों के दाम कुछ हद तक नीचे आए हैं।