थोक उपभोक्ताओं की कमजोर लिवाली के मुकाबले चीनी मिलों की निरंतर आपूर्ति के बाद पर्याप्त स्टॉक जमा होने के कारण दिल्ली के थोक चीनी बाजार में लगातार दूसरे सप्ताहांत भी कमजोरी का रुख कायम रहा तथा चीनी कीमतों में 100 रुपये प्रति क्विंटल की गिरावट आई.
बाजार सूत्रों ने कहा कि सरकार की ओर से कालाधन पर अंकुश लगाने के प्रयासों के तहत 500 रुपये और 1,000 रुपये के नोटों को चलन से बाहर करने के फैसले के बाद नकदी की समस्या उत्पन्न होने के कारण थोक उपभोक्ताओं की छिटपुट लिवाली गतिविधि के बीच चीनी मिलों की ओर से निरंतर आपूर्ति से पर्याप्त स्टॉक जमा होने से चीनी कीमतों में निरंतर गिरावट जारी रही.
उन्होंने कहा कि इस बीच नये महीने की शुरुआत होने से चीनी कीमतों में पर्याप्त गिरावट आने पर कुछ अंकुश लग गया.
चीनी तैयार एम-30 और एस-30 की कीमत पिछले सप्ताहांत के बंद स्तर 3,850-4,000 रुपये और 3,840-3,990 रुपये से 100-100 रुपये की गिरावट के साथ 3,750-3,900 रुपये और 3,740-3,890 रुपये प्रति क्विंटल पर बंद हुई.
इसी प्रकार चीनी के मिल डिलीवरी एम-30 और एस-30 की कीमत 40-40 रुपये की गिरावट दर्शाती सप्ताहांत में 3,430-3,630 रुपये और 3,420-3,620 रुपये प्रति क्विंटल पर बंद हुई. शुल्क सहित मिलगेट खंड में चीनी रामाला और नजीबाबाद की कीमतें सर्वाधिक 50-50 रपये की गिरावट के साथ क्रमश: 3,430 रुपये और 3,420 रुपये प्रति क्विंटल पर बंद हुई. जबकि चीनी मोरना, अनूपशहर और बागपत की कीमतें क्रमश: 3,440 रुपये, 3,430 रुपये और 3,440 रुपये प्रति क्विंटल पर बंद हुई.
चीनी सिम्भौली और अस्मोली की कीमतें 30-30 रुपये की गिरावट के साथ क्रमश: 3,590 रुपये और 3,580 रुपये प्रति क्विंटल पर बंद हुई. इस बीच, चीनी मवाना और मोदीनगर की कीमतें 25-25 रुपये की गिरावट के साथ क्रमश: 3,525 रुपये और 3,525 रुपये प्रति क्विंटल पर बंद हुई.
चीनी खतौली की कीमत 20 रुपये की गिरावट के साथ 3,570 रुपये पर बंद हुई तथा चीनी दोराला, धामपुर और सकोटी की कीमतें 10-10 रुपये की गिरावट के साथ क्रमश: 3,540 रुपये, 3,490 रुपये और 3,500 रुपये प्रति क्विंटल पर बंद हुई.
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