ADVERTISEMENT

'मेक इन इंडिया' को बढ़ावा देने की कोशिश में 74 जीवनरक्षक दवाओं के दाम बढ़ने की आशंका

कैंसर और एचआईवी के इलाज के काम आने वाली कई जीवन रक्षक दवाओं समेत कुल 74 दवाओं पर सीमा शुल्क छूट खत्म कर दी गई है, ताकि घरेलू उत्पादकों को प्रोत्साहन मिल सके। लेकिन, इस फैसले से इन दवाओं के दाम बढ़ने की भी आशंका है।
NDTV Profit हिंदीNDTV/Press Trust of India
NDTV Profit हिंदी07:54 PM IST, 07 Feb 2016NDTV Profit हिंदी
NDTV Profit हिंदी
NDTV Profit हिंदी
Follow us on Google NewsNDTV Profit हिंदीNDTV Profit हिंदीNDTV Profit हिंदीNDTV Profit हिंदीNDTV Profit हिंदीNDTV Profit हिंदीNDTV Profit हिंदीNDTV Profit हिंदीNDTV Profit हिंदीNDTV Profit हिंदी

कैंसर और एचआईवी के इलाज के काम आने वाली कई जीवन रक्षक दवाओं समेत कुल 74 दवाओं पर सीमा शुल्क छूट खत्म कर दी गई है, ताकि घरेलू उत्पादकों को प्रोत्साहन मिल सके। लेकिन, इस फैसले से इन दवाओं के दाम बढ़ने की भी आशंका है। केंद्रीय उत्पाद एवं सीमाशुल्क बोर्ड (सीबीईसी) ने पिछले सप्ताह 74 दवाओं पर से मूल सीमा शुल्क की छूट वापस लिए जाने की अधिसूचना जारी की। कहा जा रहा है कि यह कदम मेक इन इंडिया अभियान को बढ़ावा देने के मकसद से उठाया गया है।

इससे अब जिन दवाओं पर अब सीमा शुल्क लगाया जाएगा उनमें गुर्दे की पथरी, कैंसर में कीमोथेरेपी एवं विकिरण चिकित्सा, दिल की धड़कन से जुड़ी समस्याओं, मधुमेह व हड्डियों के रोग की चिकित्सा में काम आने वाली दवाइयां तथा संक्रमण दूर करने के लिए एंटीबायोटिक आदि शामिल हैं।

इसके अलावा बैक्टीरिया से होने वाले संक्रमण, ल्यूकेमिया, एचआईवी या हेपेटाइटिस बी, एलर्जी, गठिया, अल्सर वाले कोलाइटिस की कुछ दवाओं पर भी इसका असर पड़ेगा। खून को पतला करने, ग्लूकोमा, रसायन या कीटनाशकों की विषाक्तता से होने वाले रोग, प्राकृतिक शारीरिक विकास हार्मोन की कमी से बच्चों और वयस्कों को होने वाली समस्याओं से जुड़ी दवाएं भी इस दायरे में आएंगी।

केपीएमजी इंडिया में भागीदार और अप्रत्यक्ष कर विश्लेषण विभाग के प्रमुख सचिन मेनन ने कहा कि जीवन रक्षक समेत कुछ दवाओं पर से सीमा शुल्क छूट हटाने का अर्थ है, घरेलू विनिर्माण उद्योग को सुरक्षा प्रदान करना और मेक इन इंडिया पहल को आकर्षक बनाना।

देश के ड्रग कंट्रोलर डॉ जीएन सिंह का कहना है कि सरकार भारतीय उद्योग जगत के हितों की रक्षा करना चाहती है, लेकिन कोशिशें जारी हैं कि दवाओं के दाम न बढ़ें। उन्होंने एनडीटीवी से कहा, हम इस समस्या से वाकिफ हैं। स्वास्थ्य मंत्रालय और फार्मा अधिकारी इस बाबत सभी जरूरी कदम उठा रहे हैं। हम कीमतों में बढ़ोतरी नहीं होने देंगे।

सरकार के फैसले को बेहद दुर्भाग्यपूर्ण बताते हुए बायोकॉन लिमिटेड की अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक किरण मजूमदार शॉ ने कहा कि इससे मरीजों पर निश्चित रूप से असर पड़ेगा। उन्होंने कहा, हम मेक इन इंडिया की अवधारणा को समझते हैं, लेकिन अगर अंतरराष्ट्रीय दवाओं पर ड्यूटी बढ़ती है, तो इससे घरेलू कीमतों पर भी असर पड़ता है। इसलिए सिद्धांतत: देश के रूप में हमें जीवनरक्षक दवाओं पर किसी भी तरह की ड्यूटी नहीं लगानी चाहिए, खासकर तब जब हम इसे (स्वास्थ्य सुविधा को) हम राष्ट्रीय मिशन होने का दावा करते हैं।

NDTV Profit हिंदी
फॉलो करें
ADVERTISEMENT
ADVERTISEMENT