ADVERTISEMENT

रेपो में कटौती, सीमांत लागत वाली ब्याज दर व्यवस्था से कर्ज अब काफी सस्ता : रघुराम राजन

रिजर्व बैंक के गवर्नर रघुराम राजन ने कहा कि नीतिगत दर में 0.25 प्रतिशत की कटौती को बैंकों में ब्याज निर्धारण के सीमांत लागत आधारित नए तरीके के साथ जोड़कर देखा जाना चाहिए, जिसके कारण ब्याज पहले ही 0.50 प्रतिशत तक घट चुका है।
NDTV Profit हिंदीBhasha
NDTV Profit हिंदी07:01 PM IST, 05 Apr 2016NDTV Profit हिंदी
NDTV Profit हिंदी
NDTV Profit हिंदी
Follow us on Google NewsNDTV Profit हिंदीNDTV Profit हिंदीNDTV Profit हिंदीNDTV Profit हिंदीNDTV Profit हिंदीNDTV Profit हिंदीNDTV Profit हिंदीNDTV Profit हिंदीNDTV Profit हिंदीNDTV Profit हिंदी

रिजर्व बैंक के गवर्नर रघुराम राजन ने मंगलवार को कहा कि ब्याज दरों में आने वाले दिनों में और कमी आएगी। उन्होंने कहा कि नीतिगत दर में 0.25 प्रतिशत की कटौती को बैंकों में ब्याज निर्धारण के सीमांत लागत आधारित नए तरीके के साथ जोड़कर देखा जाना चाहिए, जिसके कारण ब्याज पहले ही 0.50 प्रतिशत तक घट चुका है।

राजन ने चालू वित्त वर्ष की पहली मौद्रिक नीति समीक्षा जारी करने के बाद संवाददाताओं से कहा, 'मौद्रिक नीति समीक्षा को नीतिगत दर में सिर्फ 0.25 प्रतिशत की कटौती के तौर पर न देखें। समग्र उपायों पर ध्यान दें (ऋण की सीमांत लागत आधारित ब्याज दर के तरीके 1 अप्रैल से प्रभावी हैं), उन सब का योगदान है। अर्थव्यवस्था में ऋण पर ब्याज दरें काफी कम हुई हैं।'

उन्होंने कहा कि 26 बड़े बैंकों की समीक्षा करने से यह बात सामने आई है कि फौरी उधार पर ब्याज दरें 0.50 प्रतिशत तक कम हुई हैं, जबकि तीन साल की अवधि तक के ऋणों पर ब्याज दर कम से कम 0.25 प्रतिशत घटा है। ये बैंक कुल ऋण में 80 प्रतिशत योगदान करने वाले हैं। उन्होंने कहा कि यदि मुद्रास्फीति नियंत्रण में रही, तो आने वाले दिनों में आरबीआई की मौद्रिक नीति उदार बनी रहेगी।

राजन ने कहा कि नकदी के संबंध में घोषित कई तरह की पहलों से बैंकों को मुख्य नीतिगत दर में कटौती का लाभ पहुंचाने में मदद मिलेगी। नीति के साथ जारी मौद्रिक नीति की रिपोर्ट में कहा गया कि सातवें वेतन आयोग की सिफारिशें के कार्यान्वयन के कारण मुख्य मुद्रास्फीति 1-1.50 प्रतिशत तक बढ़ सकती है।

(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)

NDTV Profit हिंदी
लेखकBhasha
NDTV Profit हिंदी
फॉलो करें
ADVERTISEMENT
ADVERTISEMENT