रिजर्व बैंक के गवर्नर रघुराम राजन ने बड़ी ऋण न चुकाने वाली कंपनियों को आड़े हाथ लिया और कहा कि ये कॉरपोरेट, बैंक के इस भय का लाभ उठा रहे हैं कि कहीं उनकी ये परिसंपत्तियां निष्क्रिय न हो जाएं। इसके एवज में वे अनुचित मांगे करते हैं।
राजन ने केंद्रीय बैंक की 2014-15 की वार्षिक रिपोर्ट में लिखा है कि कुछ बड़े कॉरपोरेट, प्रवर्तक बैंक की इस आशंका का फायदा उठा रहे हैं कि कहीं ये परिसंपत्तियां गैर-निष्पादित न बन जाएं। ऐसे में वे बैंकों से कुछ अनुचित रियायतें मांगते हैं।
उन्होंने कहा कि दबाव वाली परिसंपत्तियों से निपटने के लिए रिजर्व बैंक रुकी परियोजनाओं को पटरी पर लाने का प्रयास कर रहा है, लेकिन इसमें कई तरह की अड़चनें हैं।