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आरबीआई चीफ रघुराम राजन ने दुनिया से की ब्याज दरें बढ़ाने की अपील

भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर रघुराम राजन ने कहा कि सतत आर्थिक वृद्धि दर्ज कर रही वैश्विक अर्थव्यवस्थाओं द्वारा ब्याज दरों में बढ़ोतरी की जरूरत है, हालांकि यह 'एक बार' में नहीं की जानी चाहिए। इसके साथ ही राजन ने कहा कि बाजार में उतार चढ़ाव से जुड़ी चिंताएं केंद्रीय बैंकों के फैसलों में आड़े नहीं आनी चाहिए।
NDTV Profit हिंदीReported by Bhasha
NDTV Profit हिंदी11:46 PM IST, 04 Sep 2015NDTV Profit हिंदी
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भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर रघुराम राजन ने कहा कि सतत आर्थिक वृद्धि दर्ज कर रही वैश्विक अर्थव्यवस्थाओं द्वारा ब्याज दरों में बढ़ोतरी की जरूरत है, हालांकि यह 'एक बार' में नहीं की जानी चाहिए। इसके साथ ही राजन ने कहा कि बाजार में उतार चढ़ाव से जुड़ी चिंताएं केंद्रीय बैंकों के फैसलों में आड़े नहीं आनी चाहिए।

वैश्विक केंद्रीय बैंक प्रमुखों व अंतरराष्ट्रीय कारोबारी समुदाय के समूह के समक्ष अपने संबोधन में राजन ने हालांकि अमेरिका का नाम तो नहीं लिया, लेकिन उनकी टिप्पणी अमेरिकी फेडरल रिजर्व द्वारा ब्याज दर में बढ़ोतरी के अटकलों के बीच आई है। राजन ने कहा कि बाजार में उतार चढ़ाव से जुड़ी चिंताएं केंद्रीय बैंकों के फैसलों में आड़े नहीं जानी चाहिए।

इसके साथ ही राजन का यह बयान ऐसे समय में आया है, जबकि देश में उन पर सरकार व उद्योग जगत से नीतिगत ब्याज दरों में कटौती के लिए दबाव बन रहा है। वे इस साल यानी 2015 में नीतिगत ब्याज दर में तीन बार 0.25-0.25 प्रतिशत की कटौती पहले ही कर चुके हैं। केंद्रीय बैंक की आगामी मौद्रिक नीति समीक्षा 29 सितंबर को होनी है।

केंद्रीय बैंक के गवर्नर ने कहा, 'केंद्रीय बैंक के रूप में हमारे समक्ष धर्मसंकट में फंसने का जोखिम है, कोई भी इस बहुत ही आरामदायक स्थिति को पहले नहीं छोड़ना चाहता है।' उन्होंने कहा कि सतत वृद्धि की राह पर लौट रही अर्थव्यवस्थाओं को उन अप्रत्याशित मौद्रिक नीतियों को त्यागना शुरू कर देना चाहिए जो उन्होंने 2007-08 के वित्तीय संकट के बाद लागू की थीं।

अमेरिका में ब्याज दर वृद्धि की अनिश्चितता को लेकर भारत व अन्य वैश्विक बाजारों में बनी चिंता के बीच भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर रघुराम राजन ने आज इन आशंकाओं को दूर करते हुये कहा कि बाजारों को उतार चढ़ाव को लेकर घबराना नहीं चाहिए, क्योंकि यह स्वाभाविक रूप से अस्थायी हैं। उन्होंने कहा कि वित्त तो 'वृद्धि के लिए केवल लुब्रिकेंट' है और देशों की आर्थिक वृद्धि की गति तो उनकी समूची आर्थिक नीतियों से ही तय होगी। वे यहां बी20 बैठक के पूर्ण सत्र को संबोधित कर रहे थे। बी20, जी20 देशों के कारोबारी प्रमुखों का अनौपचारिक समूह है।

अमेरिका में ब्याज दर में बढ़ोतरी को लेकर अनिश्चिता के संदर्भ में उन्होंने कहा कि मौद्रिक नीति में सामान्य स्थिति की ओर लौटने से भविष्य में उतार चढ़ाव को लेकर उभरने वाली चिंताएं दूर होंगी।

बी20 समूह यहां जी20 मंत्री स्तरीय बैठकों के अवसर पर अपनी बैठक कर रहा हैं। यह समूह अंतरराष्ट्रीय व्यापारिक समुदाय की ओर से जी20 सरकारों से संवाद करता है।

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