तेल कंपनियां अगली बार जब दाम की समीक्षा करेंगी, तो पेट्रोल के दाम एक रुपये लीटर तक घटा सकती हैं। सरकार द्वारा पेट्रोल पंप डीलर का कमीशन बढ़ाने के बाद गत 27 अक्टूबर को दिल्ली में पेट्रोल के दाम 29 पैसे लीटर बढ़कर 68.19 रुपये लीटर हो गए थे।
इंडियन ऑयल कॉरपोरेशन के चेयरमैन आरएस बुटोला ने कहा, गैसोलिन के दाम में हाल में कुछ कमी आई है, इससे हमें कुछ मार्जिन मिला, लेकिन पिछले कुछ दिनों से इसमें फिर वृद्धि का रुख बन गया। इसके साथ ही डॉलर के मुकाबले रुपया भी कमजोर पड़ा है...इन सभी बातों को ध्यान में रखते हुए हमें अपना रुख तय करना होगा।
तेल कंपनियों को पिछले कुछ दिन, जब कच्चे तेल के दाम भी कम हुए और डॉलर के मुकाबले रुपया भी मजबूत हुआ था, तो पेट्रोल पर करीब 2 रुपये लीटर का फायदा हो रहा था, लेकिन गेसोलिन के दाम फिर बढ़ने और रुपये की गिरावट से नेट मार्जिन एक रुपया लीटर ही रह सकता है।
बुटोला ने कहा, हम अगले कुछ दिन में दाम की समीक्षा करेंगे...इस सप्ताहांत में या फिर अगले सप्ताह के शुरू में। सरकार ने जून, 2010 में पेट्रोल के दाम नियंत्रण मुक्त कर दिए थे। इससे तेल कंपनियों को लागत के अनुरूप दाम तय करने की आजादी मिल गई, लेकिन शायद ही पेट्रोल के दाम अंतरराष्ट्रीय कीमत के अनुरूप तय हुए हों और तेल कंपनियां राजनीतिक दबाव में रही।
मुद्रास्फीति को व्यवस्थित रखने के लिए समय-समय पर कंपनियों पर दबाव बनता रहा। बुटोला ने कहा कि इंडियन ऑयल को लागत से कम दाम पर बिक्री से पेट्रोल पर चालू वित्तवर्ष के शुरुआती छह महीनों के दौरान 1,167 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है। पेट्रोल पर कंपनी को कोई सरकारी सहायता भी नहीं मिलती है। हिन्दुस्तान पेट्रोलियम कॉरपोरेशन के निदेशक (वित्त) बी मुखर्जी ने कहा, किसी भी अन्य मुक्त उत्पाद की तरह पेट्रोल पर हम भी मुनाफा अर्जित कर रहे हैं।