वैश्विक रेटिंग एजेंसी स्टैंडर्ड एंड पुअर्स (एसएंडपी) ने बुधवार को कहा कि वह आम चुनाव के बाद भारत की सावरेन रेटिंग की समीक्षा करेगी। आम चुनाव के बाद आने वाली नई सरकार आर्थिक वृद्धि बढ़ाने की यदि कोई विश्वसनीय योजना लाने में असफल रहती है तो भारत की रेटिंग घट सकती है।
एसएंडपी ने एक बयान में कहा, ‘चुनाव से पहले राजकोषीय घाटे या वाह्य खाते में अप्रत्याशित कमी की स्थिति को छोड़ दें तो हमें उम्मीद है कि भारत की रेटिंग की अगले आम चुनाव के बाद होगी जबकि नई सरकार अपनी नीतियों की घोषणा करेगी।’
एजेंसी ने नकारात्मक दृष्टिकोण के साथ ‘बीबीबी माइनस’ की रेटिंग बरकरार रखी है।
‘बीबीबी-माइनस’ निवेश के मामले में सबसे निचली श्रेणी है। इससे नीचे की श्रेणी में आने का मतलब होगा देश को ‘कबाड़’ की श्रेणी में डाल देना। इस श्रेणी में भारत के आने से कंपनियों के लिए विदेशों से कर्ज जुटाना महंगा हो जाएगा। एस एण्ड पी ने इस साल अप्रैल में भारत के प्रति अपना दृष्टिकोण ‘नकारात्मक’ कर दिया है।
भारतीय अर्थव्यवस्था ने वर्ष 2012-13 में पांच प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की है। चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही में इसमें 4.4 प्रतिशत की पिछले चार साल की सबसे कम वृद्धि दर्ज की गई।