सहारा समूह को अपने निवेशकों को 24,000 करोड़ रुपये का नौ सप्ताह के भीतर भुगतान करने का सुप्रीम कोर्ट के आदेश के कुछ घंटे बाद ही कंपनी ने कहा है कि वह शीर्ष अदालत के निर्देशानुसार भुगतान के लिए तैयार है।
समूह के वकील की ओर से जारी किए गए बयान में कहा गया है कि उसने वैकल्पिक पूर्ण परिवर्तनीय डिबेंचर (ओएफसीडी) धारकों को भुगतान की पेशकश की थी। सहारा ने दावा किया कि उसने दो पे ऑर्डर तैयार रखे हैं।
समूह ने कहा कि संवैधानिक ऑडिटर के प्रमाणपत्र के अनुसार, 30 नवंबर, 2012 तक दोनों कंपनियों पर ओएफसीडी का बकाया सिर्फ 2,620 करोड़ रुपये था।
सहारा के वकील सतीश किशनचंदानी ने बयान में कहा कि 30 नवंबर, 2012 को सहारा ने 2,620 करोड़ रुपये के पे आर्डर और साथ ही 2,500 करोड़ रुपये की ‘बफर’ राशि की पेशकश की थी।