भारतीय स्टेट बैंक का पूंजी आधार बढ़ाने के लिए सरकार उसमें 4,000 करोड़ रुपये की पूंजी डाले जाने के प्रस्ताव पर गंभीरता से विचार कर रही है। इस बारे में निर्णय अगले कुछ महीने में किया जा सकता है।
आधिकारिक सूत्रों ने बताया, ‘बैंक ने पूंजी जरूरत योजना के बारे में खाका प्रस्तुत किया है और वित्त मंत्रालय चालू वित्त वर्ष में करीब 4,000 करोड़ रुपये की पूंजी डाले जाने के एसबीआई (भारतीय स्टेट बैंक) के प्रस्ताव पर विचार कर रहा है।’ सूत्रों ने कहा कि इस बारे में निर्णय अगले कुछ महीनों में किया जाएगा।
पिछले वित्त वर्ष में सरकार ने शेयर पूंजी बढ़ाने के लिए एसबीआई को 7,900 करोड़ रुपये की पूंजी दी थी।
मार्च 2012 में पूंजी डाले जाने के बाद सरकार की हिस्सेदारी बैंक में 59.4 प्रतिशत से बढ़कर 61.58 प्रतिशत हो गई। स्टेट बैंक ने वर्ष 2008 में राइट इश्यू के जरिये 16,000 करोड़ रुपये जुटाए। सरकार ने राइट् इश्यू में अपना योगदान नकदी के बजाय बॉंड के रूप में दिया।
सरकार पहले ही कह चुकी है कि चालू वित्त वर्ष में वह सार्वजनिक क्षेत्र के इस बैंक में 15,500 करोड़ रुपये की पूंजी डालेगी। वर्ष 2011.12 के दौरान पूंजी पर्याप्तता औसत में वृद्धि के लिए सरकारी क्षेत्र के बैंकों को 12,000 करोड़ रुपये प्राप्त हुए।