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सुप्रीम कोर्ट ने सुब्रत रॉय की पुलिस हिरासत बढ़ाई, तिहाड़ भेजे गए

सहारा समूह के प्रमुख सुब्रत राय सहारा की आज सुप्रीम कोर्ट में पेशी हुई। आज पेशी पर कोर्ट ने सहारा प्रमुख की बिना शर्त माफी को स्वीकार कर लिया। वहीं, आज सुप्रीम कोर्ट में पेशी के दौरान सुब्रत राय सहारा के मुंह पर मनोज नाम के एक शख्स ने स्याही फेंकी।
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NDTV Profit हिंदी07:31 PM IST, 04 Mar 2014NDTV Profit हिंदी
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सुप्रीम कोर्ट ने सहारा समूह के प्रमुख सुब्रत रॉय को एक सप्ताह तक दिल्ली में ही हिरासत में रखने का आज आदेश दिया, जिसके बाद उन्हें तिहाड़ जेल भेज दिया गया है।

न्यायालय ने सहारा समूह द्वारा निवेशकों को धन लौटाने के प्रस्ताव पर नाखुशी जताते हुए कहा कि उसने कोई ठोस प्रस्ताव पेश नहीं किया है। न्यायमूर्ति केएस राधाकृष्णन और न्यायमूर्ति जेएस खेहड़ की खंडपीठ ने सुब्रत रॉय के साथ ही सहारा समूह के दो अन्य निदेशकों रवि शंकर दुबे और अशोक राय चौधनी को भी हिरासत में लेने का आदेश दिया, जबकि महिला निदेशक वंदना भार्गव को स्वतंत्र छोड़ दिया।

न्यायाधीशों ने कहा, 'हम प्रस्ताव से खुश नहीं है। कोई ठोस प्रस्ताव अभी तक नहीं आया है। हम इस प्रस्ताव को स्वीकार नहीं कर रहे हैं। कोई बैंक गारंटी नहीं है। वंदना भार्गव के अलावा सभी दिल्ली में हिरासत में रहेंगे।' न्यायालय ने साथ ही स्पष्ट किया कि यह अवमानना मामले में आदेश नहीं है।

इस मामले की सुनवाई के दौरान सुब्रत राय के दोनों पुत्र सुशांतो राय और सीमांतो राय भी न्यायालय में मौजूद थे।

हिरासत से बचने के लिए जब राय ने अंतिम प्रयास किया, तो न्यायाधीशों ने कहा, 'हम ठोस प्रस्ताव चाहते हैं। आप आज दीजिए या कल दीजिए।' इसके साथ ही न्यायालय ने कहा कि अब उनके मामले में 11 मार्च को सुनवाई की जाएगी।

इससे पहले, मामले की सुनवाई शुरू होते ही राय ने न्यायालय के आदेश का पालन नहीं करने के लिए माफी मांगी और यह भरोसा दिलाया कि उसके आदेशों पर वह अमल करेंगे। उन्होंने निवेशकों का धन लौटाने के लिए कुछ और समय देने का भी अनुरोध किया।

रॉय ने कहा, 'मुझे आप में भरोसा है। अगर मैं आपके आदेश का पालन नहीं करूं तो मुझे सजा दीजिए।' सुब्रत रॉय ने और समय का अनुरोध करते हुए कहा कि निवेशकों का धन लौटाने के लिये समूह अपनी संपत्तियों को बेचेगा। न्यायाधीशों ने राय से कहा, 'आप नकद में भुगतान नहीं कर सकते हैं क्योंकि यह कानून के खिलाफ है। आपको डिमान्ड ड्राफ्ट या चेक से ही भुगतान करना होगा।'

वहीं न्यायालय ने सहारा समूह को न्यायिक आदेशों का पालन नहीं करने और निवेशकों का धन लौटाने के मामले में परस्पर विरोधी दृष्टिकोण अपनाने के लिए भी सहारा समूह को आड़े हाथ लिया। न्यायाधीशों ने कहा, 'आपने हमें मजबूर किया। अगर आप गंभीर होते तो यह नौबत नहीं आती।' न्यायालय ने रॉय और दो निदेशकों को हिरासत में लेने का निर्देश देते हुए कहा कि वह तो अपने आदेश पर अमल कर रहा है।

इससे पहले, दिन में सुब्रत रॉय उत्तर प्रदेश पुलिस की गाड़ियों के काफिले में से एक कार से बाहर निकलते ही मनोज शर्मा नाम के एक व्यक्ति ने उनके चेहरे पर बोतल से स्याही फेंक दी ओर फिर चिल्लाने लगा 'सहारा चोर है।' इस व्यक्ति की वहां एकत्र वकीलों और दूसरे लोगों ने पिटाई की। बाद में उसे पुलिस तिलक मार्ग थाने ले गई।

मनोज शर्मा के बारे में कहते हैं कि पहले भी उसने कांग्रेस सांसद सुरेश कलमाडी को अदालत में पेश किए जाते वक्त उन पर जूता फेंका था। शर्मा ने स्याही फेंकने के बाद अपनी शर्ट उतारी और चिल्लाने लगा, 'वह (रॉय) चोर है। उसने लोगों का धन चुराया है और मैं चोरों के खिलाफ हूं।'

सुब्रत रॉय 28 फरवरी से उत्तर प्रदेश पुलिस की हिरासत में थे। प्रदेश पुलिस के सुरक्षाकर्मियों ने अपने और सहारा प्रमुख के लिए प्रवेश पास हासिल किए ताकि दो बजे उन्हें न्यायालय में पेश किया जा सके।

इससे पहले, न्यायालय ने रॉय की अनुपस्थिति पर कड़ा रुख अपनाते हुए उनकी गिरफ्तारी के लिए गैर जमानती वारंट जारी करते हुए उन्हें आज दो बजे पेश करने का आदेश दिया था। इसके बाद सुब्रत रॉय ने गैर जमानती वारंट वापस कराने का असफल प्रयास किया, लेकिन न्यायालय ने उनका अनुरोध ठुकरा दिया था।

न्यायालय ने सहारा समूह की दो कंपनियों द्वारा निवेशकों का 20 हजार करोडॉ रुपये लौटाने में विफल रहने के मामले को लेकर शुरू की गई अवमानना की कार्यवाही में रॉय के पेश नहीं होने के कारण उनकी गिरफ्तारी का आदेश दिया था।

सुब्रत राय ने अपनी 92 वर्षीय मां के खराब स्वास्थ्य के आधार पर व्यक्तिगत रूप से पेश होने छूट देने का अनुरोध किया था, लेकिन न्यायालय ने इसे अस्वीकार कर दिया था।

सहारा प्रमुख ने अवमानना के मामले में पेश नहीं होने के लिए 'बिना शर्त माफी मांगते हुए' 27 फरवरी को फिर न्यायालय का दरवाजा खटखटाया था और गैर जमानती वारंट वापस लेने का अनुरोध किया था, लेकिन न्यायालय ने इसे भी ठुकरा दिया था। रॉय ने 28 फरवरी को लखनऊ में समर्पण कर दिया था। इसके बाद उत्तर प्रदेश पुलिस ने उन्हें गिरफ्तार कर लिया था।

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