उच्चतम न्यायालय ने सहारा समूह को उसकी दो कंपनियों में पैसा लगाने वाले निवेशकों को 27,000 करोड़ रुपये की राशि नहीं लौटाने पर लताड़ लगाई।
मुख्य न्यायाधीश अल्तमस कबीर की अध्यक्षता वाली पीठ ने सहारा इंडिया रीयल एस्टेट कापरेरेशन लिमिटेड (एसआईआरईसीएल) और सहारा हाउसिंग इन्वेस्टमेंट कापरेरेशन लिमिटेड (एसएचआईसीएल) से कहा कि वे कल तक बताएं कि एक सप्ताह के अंदर वे अपने निवेशकों को पूरी राशि वापस कर सकेगी या नहीं।
आमतौर पर बहुत शांत और सौम्य दिखने वाले न्यायमूर्ति कबीर ने उच्चतम न्यायालय के आदेश पर अमल न करने पर इन कंपनियों के खिलाफ कुछ कड़े शब्दों का उपयोग किया। उन्होंने कहा कि इन कंपनियों की याचिका कतई सुनवाई लायक नहीं है।